Thursday, February 11, 2010

नक्सलियों के विरोध में मुखर हो रहे आदिवासी


जगदलपुर ! सर्व आदिवासी समाज द्वारा आज भूमकाल दिवस की 100वीं वर्षगांठ मनाई गई। गौरतलब है कि देश की आजादी के लिए अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लड़ने वाले शहीद गुंडाधूर, डेवरीध्रुव एवं अन्य सभी शहीद आदिवासियों को श्रध्दांजलि देने हेतु प्रत्येक वर्ष आज ही के दिन भूमकाल दिवस मनाया जाता है, परंतु सत्य यह है कि अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ संघर्ष करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले आदिवासियों को 100 वर्ष बाद भी हत्यारे एवं लुटेरे नक्सलियों के खिलाफ संघर्ष करना पड़ रहा है।
इस वर्ष जगदलपुर में आयोजित किए जा रहे भूमकाल स्मृति दिवस के कार्यक्रम में नक्सलियों के खिलाफ आदिवासी वर्ग के लोगों का आक्रोश एवं नाराजगी स्पष्ट देखने को मिली। बस्तर पुलिस द्वारा विगत कुछ महीनों से जनजागरण अभियान के माध्यम से नक्सलियों के असली चेहरे को उजागर किया जा रहा है। नक्सलियों द्वारा निर्दोष आदिवासियों को मुखबिर होने के शक के आधार पर हत्या करना, आदिवासी बच्चों के आश्रम, स्कूल में तोड़फोड़ करना, आदविासी क्षेत्रों के विकास के लिए बनाई जाने वाली रोड एवं सड़कों को क्षतिग्रस्त करना, बालक-बालिकाओं को जबरन अपने साथ ले जाकर उन्हें हथियार पकड़ाना इत्यादि जन विरोधी हरकतों से तंग आकर बस्तर के आदिवासी धीरे-धीरे नक्सलियों के खिलाफ अपनी आवाज उठा रहे हैं। पिछले महीने नारायणपुर जिले में दो निर्दोष आदिवासी बच्चों को नक्सलियों द्वारा बिना किसी कारण के मारे जाने से जनता द्वारा नक्सलियों के खिलाफ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया गया। इस सिलसिले में आज भी भूमकाल स्मृति दिवस कार्यक्रम में कई स्थानाें पर नक्सलियों के विरोध में बैनर तथा पोस्टर देखने को मिले। इन सभी घटनाक्रमों को देखते हुए बस्तर पुलिस एवं जनता विश्वास करती है कि दिशाहीन एवं विचारहीन नक्सलियों का खात्मा चल्द से जल्द होगा।

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