पुरुलिया । जंगलमहल में माओवादियों को अब सबसे ज्यादा खतरा सुरक्षा बल के विभिन्न कैंप में रखे गये पालतू कुत्तों से महसूस होने लगा है। यही कारण है कि अब वे इन्हें निशाना बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। जंगलमहल के विभिन्न गांव के लोगों को माओवादियों ने साफ तौर पर चेतावनी दी है कि यदि उनके घर में कुत्ते हैं तो वे उन्हें जहर देकर मार दें। राज्य पुलिस की ओर से आपरेशन ग्रीन हंट शुरू करने के पहले पुरुलिया, बांकुड़ा एवं पश्चिम मेदिनीपुर के जंगलमहल के सभी थाना एवं सुरक्षा कैंप में कुत्ता पालने की सलाह दी गयी थी। इससे पूर्व 2004 में भी पुलिस प्रशासन ने इस सिलसिले में औपचारिक निर्देश जारी किया था, क्योंकि माओवादियों की गतिविधियों की पूर्व सूचना पुलिस को कुत्तों से ही मिलती है। कुत्तों के भौंकने से सुरक्षा बल सतर्क हो जाते हैं एवं इससे जानमाल की हानि कम होती है। खुफिया विभाग के अनुसार पिछले कुछ दिनों से जंगल महल में माओवादियों द्वारा जहर देकर कुत्तों को मारने की साजिश का पता चला है। पुरुलिया के वान्दोयान, बलरामपुर, बाघमुंडी, बराबाजार, झालदा के माओवाद प्रभावित क्षेत्र की सुरक्षा बलों के कैंप में बड़ी संख्या में पालतू कुत्ते थे। इस क्षेत्र के विभिन्न थानों में भी पालतू कुत्ते हैं। इधर बांकुड़ा जिले के माओवाद प्रभावित बारीकुल, सारेंगा, राइपुर, रानीबांध थाना क्षेत्र में एवं पश्चिम मेदिनीपुर जिला के बलपहाड़ी बिनपुर में माओवादियों की चेतावनी से भयभीत कई ग्रामीणों ने अपने पालतू कुत्तों की जान बचाने के लिए उन्हें दूसरे गांव में रहे अपने रिश्तेदारों के घर पहुंचा दिया है। खुफिया विभाग का दावा है कि बांकुड़ा जिला के बारीकुल थाना क्षेत्र के कुल पांच गांव समेत पश्चिम मेदिनीपुर जिला के बीनपुर एक नंबर ब्लाक के कुछ गांव में कुत्तों की संख्या में अस्वाभाविक रूप से कमी हुई है।
Wednesday, February 24, 2010
माओवादियों ने अब कुत्तों को मारना शुरू किया
पुरुलिया । जंगलमहल में माओवादियों को अब सबसे ज्यादा खतरा सुरक्षा बल के विभिन्न कैंप में रखे गये पालतू कुत्तों से महसूस होने लगा है। यही कारण है कि अब वे इन्हें निशाना बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। जंगलमहल के विभिन्न गांव के लोगों को माओवादियों ने साफ तौर पर चेतावनी दी है कि यदि उनके घर में कुत्ते हैं तो वे उन्हें जहर देकर मार दें। राज्य पुलिस की ओर से आपरेशन ग्रीन हंट शुरू करने के पहले पुरुलिया, बांकुड़ा एवं पश्चिम मेदिनीपुर के जंगलमहल के सभी थाना एवं सुरक्षा कैंप में कुत्ता पालने की सलाह दी गयी थी। इससे पूर्व 2004 में भी पुलिस प्रशासन ने इस सिलसिले में औपचारिक निर्देश जारी किया था, क्योंकि माओवादियों की गतिविधियों की पूर्व सूचना पुलिस को कुत्तों से ही मिलती है। कुत्तों के भौंकने से सुरक्षा बल सतर्क हो जाते हैं एवं इससे जानमाल की हानि कम होती है। खुफिया विभाग के अनुसार पिछले कुछ दिनों से जंगल महल में माओवादियों द्वारा जहर देकर कुत्तों को मारने की साजिश का पता चला है। पुरुलिया के वान्दोयान, बलरामपुर, बाघमुंडी, बराबाजार, झालदा के माओवाद प्रभावित क्षेत्र की सुरक्षा बलों के कैंप में बड़ी संख्या में पालतू कुत्ते थे। इस क्षेत्र के विभिन्न थानों में भी पालतू कुत्ते हैं। इधर बांकुड़ा जिले के माओवाद प्रभावित बारीकुल, सारेंगा, राइपुर, रानीबांध थाना क्षेत्र में एवं पश्चिम मेदिनीपुर जिला के बलपहाड़ी बिनपुर में माओवादियों की चेतावनी से भयभीत कई ग्रामीणों ने अपने पालतू कुत्तों की जान बचाने के लिए उन्हें दूसरे गांव में रहे अपने रिश्तेदारों के घर पहुंचा दिया है। खुफिया विभाग का दावा है कि बांकुड़ा जिला के बारीकुल थाना क्षेत्र के कुल पांच गांव समेत पश्चिम मेदिनीपुर जिला के बीनपुर एक नंबर ब्लाक के कुछ गांव में कुत्तों की संख्या में अस्वाभाविक रूप से कमी हुई है।
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