Sunday, February 21, 2010

नक्सली हिंसा छोड़ें, तभी वार्ता : राज्यपाल

जमशेदपुर। झारखंड के राज्यपाल एमओएच फारूक ने दो टूक शब्दों में कहा है कि नक्सली हिंसा छोड़कर आएंगे, तभी उनसे कोई वार्ता होगी। राज्यपाल के अनुसार जिस दिन उन्होंने राज्य का प्रभार ग्रहण किया, उसी दिन कहा था कि सभ्य समाज में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। सर्किट हाउस में शनिवार को प्रेस वार्ता के दौरान राज्यपाल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि झारखंड धनी राज्य है, लेकिन यहां के लोग गरीब हैं। इसका कारण पूछने पर कहा कि कुछ न कुछ तो गड़बड़ी तो होगी ही, उसे ठीक करना होगा। वह देखेंगे कि केंद्र सरकार द्वारा जनजातीय लोगों से संबंधित योजनाओं का क्रियान्वयन हो। राज्य में नई सरकार को जनजातीय सलाहकार परिषद का पुनर्गठन जल्द करना चाहिए। वैसे राज्य में बेहतर पानी, बिजली, सड़क आदि की सख्त जरूरत है। जहां तक सरकारी नौकरियो में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की बात है, तो वह मिलनी ही चाहिए। राज्य में उच्चशिक्षा के लिए हो रहे प्रतिभा पलायन पर कहा कि इसके लिए विश्वविद्यालयों को प्रस्ताव के साथ आगे आना चाहिए। जब उनसे मधु कोड़ा एंड कंपनी पर छापेमारी करने वाले आयकर विभाग के निदेशक अनुसंधान उज्जवल चौधरी को हटाए जाने का जिक्र किया गया, तो उन्होंने कहा कि सरकार में आदमी नहीं सिस्टम काम करता है। किसी व्यक्ति के बदलने से कुछ नहीं होता। इसके अलावा आपरेशन ग्रीन हंट, राज्य में भ्रष्टाचार, औद्योगिक विकास आदि के सवाल पर राज्यपाल ने पत्रकारों से कहा कि ये सवाल मुख्यमंत्री से पूछें।

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