Friday, February 26, 2010

सलुवा पहुंचे राज्यपाल, परिजनों को बंधाया ढाढस


खड़गपुर, पश्चिमी मेदिनीपुर जिले के शिल्दा में गत 15 फरवरी को हुए नक्सली हमले में प्राण गंवाने वाले ईस्टर्न फ्रंटियर रायफल्स के 24 जवानों के परिजनों से शोक जताने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एम. के. नारायणन शुक्रवार की सुबह बल मुख्यालय सलुवा पहुंचे। तय कार्यक्रम के अनुरूप राज्यपाल ने पहले शोकाकुल परिजनों से मुलाकात की, इसके बाद पुलिस व ईएफआर अधिकारियों से मंत्रणा की। बातचीत में राज्यपाल ने कहा कि उनके आने का एकमात्र उद्देश्य नक्सली हमले में शहीद जवानों के परिजनों से मुलाकात और उन्हें ढांढस बंधाना है। वे शहीद जवानों के परिजनों का दु:ख समझ सकते है। पीड़ित परिवारों की क्षतिपूर्ति के संबंध में सरकार पहले ही घोषणा कर चुकी है। यहां आकर उन्होंने स्थितियों को देखा, शीघ्र ही इस संबंध में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य व अन्य मंत्रियों से बातचीत करेगे।
इस बीच पुलिस संत्रास प्रतिरोध जन साधारण समिति के अध्यक्ष लाल मोहन टुडू का शव चौथे दिन भी झाड़ग्राम अस्पताल के मुर्दाघर में पड़ा रहा। व्यापक पुलिस बंदोबस्त के चलते शव को लेने के लिए कोई वहां पहुंच नहीं रहा है। मिली जानकारी के अनुसार शव से बदबू उठने लगी है और वह क्षरण की स्थिति में पहुंच गया है। इधर टुडू की विधवा लक्खीमणि टुडू ने एक रिश्तेदार के माध्यम से कहा है कि गुरुवार को आदिवासी रीति से लाल मोहन टुडू का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। इसलिए अब परिवार को शव की जरूरत नहीं है। पुलिस को जो करना है, करे। टुडू की हत्या के खिलाफ चल रहा बंद शुक्रवार को भी जारी रहा। जंगल महल (पश्चिमी मेदिनीपुर, बांकुड़ा व पुरुलिया) में यह बंद का तीसरा दिन था। शुक्रवार को झाड़ग्राम सहित अन्य कस्बों में कुछ दुकानें खुलने से लोगों ने राहत की सांस ली लेकिन ज्यादातर इलाका बंद ही रहा। इस दौरान सड़क पर आवागमन ठप रहा। स्कूल बंद रहे और सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति भी बहुत कम रही। झाड़ग्राम कस्बे के मानिकपाड़ा इलाके में रामकृष्ण बाजार मोड़ पर बीती रात माओवादियों ने एक नकली केन (देसी) बम रखकर पुलिस को परेशान व लोगों को भयभीत किया। अपराह्न करीब तीन बजे मेदिनीपुर से पहुंचे बम निरोधक दस्ते ने छानबीन के दौरान केन में बालू भरी पाई। इसके बाद उसे वहां से हटा दिया गया।

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