Friday, February 26, 2010

ताकि न बढ़े नक्सलवाद


संजीव गौतम

जिस प्रकार हृदय शरीर के लिए महत्व रखता है वैसे ही मध्यप्रदेश का महत्व भारत के लिए विशेषकर सुरखा के प्रतिमान के लिहाज से, शायद यही सोचकर कि यह प्रदेश भारत का हृदय प्रदेश है अमन-चैन के दुश्मन देश के भीतर तक पैठ बना कर सब तरफ यह संदेश देना चाहते हैं कि हमारा संगठन सारे भारतवर्ष में फैला है म.प्र. उनका प्रिय क्षेत्र है तो उनकी चुनौतियों का मुँह तोड़ जवाब देना मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का लक्ष्य । स्थानीय समस्याओं जैसे दस्यु समस्या सहित म.प्र. में अन्य अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग से पैर पसारने संगठित अपराधी भी सक्रिय हैं, जैसे आतंकवादी और नक्सलवादी ।
नक्सलवाद का म.प्र. में सतत्‌ विस्तार और उसकी जड़ों में कड़ा प्रहार यह पिछले दिनों खुफिया कार्रवाईयों की एक प्रमुख प्राथमिकता रही है । प्रदेश के ४८ जिलों में से ३० जिले सीमावर्ती राज्यों की सीमाओं से लगे होने के कारण उन राज्यों की आपराधिक गतिविधियों से भी प्रभावित होते आये हैं । ३.०८ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाले हमारे प्रदेश की जनसंख्या लगभग ७ करोड़ है । अपने सीमित संसाधन विस्तृत भूभाग, इतनी बड़ी आबादी और विचारधारा के नाम अपराध की जहरीली खरपतवार उगाने वालों को अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग निरन्तर म.प्र. सरकार की पुलिस विभाग की नींद उड़ा रहा है । किन्तु इस सबके बावजूद शिवराज सिंह चौहान के कड़क रवैये से पुलिस को अधिकतम शांतिपूर्ण व्यवस्था बनाये रखने में महत्वपूर्ण सहयोग मिला है ।
यही कारण है कि नक्सली गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण रखने में म.प्र. सरकार काफी हद तक सफल रही है । भाजपा सरकार ने १६१९८ करोड़ रूपया पुलिस आधुनिकीकरण योजना पर खर्च किए । जिससे पुलिस बल को अधिक जननोन्मुखी बनाने, प्रशिक्षण, पुलिस थाना चौकी स्थापना उन्नयन, वाहन अस्त्र-शस्त्र थानों में कम्प्यूटरीकरण सहित पुलिस कर्मचारियों के आवास को बेहतर बनाने के कार्य किये गये, इस सबका बड़ा लाभ यह रहा कि बड़े संगठित अपराधियों, नक्सलवादियों को घातक विचारधारा और हिंसक कार्रवाईयों को रोकने के कार्य में लगे पुलिसकर्मियों-खुफिया सेवकों में आत्मविश्वास बढ़ा है । शिवराज सरकार आगे भी कुछ अच्छा करने का संकल्प पहले ही व्यक्त कर चुके हैं, उनकी सरकार के गृहमंत्री जगदीश देवड़ा पुलिस का मनोबल बढ़े इस हेतु प्रदेश पुलिस मुख्यालय का औचक अवलोकन सहित थाना चौकी स्तर तक नक्सलवादी प्रभावित क्षेत्रों जैसे बालाघाट, मण्डला, डिण्डौरी आदि की स्थिति पर नजर रख रहे हैं । इसके अलावा धार, झाबुआ, बड़वानी, बैतूल, छिन्दवाड़ा, कटनी, सीधी, शहडोल, होशंगाबाद, रतलाम, सिवनी आदि क्षेत्रों में नक्सली गतिविधियों पर म.प्र. सरकार निरन्तर नजर बनाए हुए है । शिवराज सरकार का प्रयास आर्थिक उत्थान, शिक्षा के समुचित प्रचार प्रसार पक्सली विचारधारा के रूख को राष्ट्रप्रेम की, विकास की विचारशक्ति में बदलने का है । सरकार न केवल पुलिस बल में पद बढ़ा कर मुखबिरों को संरक्षण सहित बड़े पैमाने पर जहाँ नक्सली विस्तार की संभावना है वहाँ गंभीरतापूर्वक जनजागृति के लिए प्रतिबद्ध और दूरगामी प्रभाव वाली रणनीति पर काम कर रही है ।
आर्थिक असमानता, रोजगार के अवसर एक प्रभावी पहल है जिससे नक्सली विस्तार रोकने में काफी सहायता प्राप्त हो रही है ।
इसी क्रम में सी.पी.आई. (एम) किसान क्रांतिकारी कमेटी, क्रांतिकारी जन कमेटी को म.प्र. विशेष अधिनियम सुरक्षा २००० के अन्तर्गत प्रतिबंधित किया गया है ।
सतनामी नगर भोपाल में पुलिस ने १० जनवरी २००७ को एक बेहद गोपनीय तरीके से सफलतापूर्वक नक्सलियों की हथियार फैक्ट्री पर छापा मारकर जिस तरह से नक्सलियों की जड़ों में भोपाल में भट्टा डाला उसने भी नक्सलियों को नयी रणनीति पर काम करने को विवश किया साथ ही शिवराज सिंह चौहान और म.प्र. पुलिस को भी कुछ और सचेत, गंभीर, मुस्तैद, सूचना के प्रभावी संकलन तथा अधिक प्रभावी कार्रवाई के लिए ललकारा भी है । जाहिर है लड़ाई बड़ी लंबी है एक दो दिन में लड़ी और जीती नहीं जा सकती फिर भी जैसी सोच शिवराज सिंह चौहान की, म.प्र. पुलिस की अभी है इसमें और मजबूती लाकर कुछ अच्छा करके दिखाने से हमारी सरकार और पुलिस बखूबी अपना कर्त्तव्य निभाने का उदाहरण आगे भी पेश कर सकती है । शायद जनांदोलन बनाकर कुछ और बेहतर ढंग से । (राष्ट्रधर्म)

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