Wednesday, February 24, 2010

नक्सलियों के खिलाफ नहीं हो सेना का इस्तेमाल : भाकपा



जमशेदपुर। झारखंड भाकपा की सोच है कि नक्सलियों के खिलाफ सेना का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए क्योंकि बल प्रयोग से नक्सलवाद नहीं रुक सकता। संगठन के राज्य सचिव पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता ने नक्सलियों से वार्ता की वकालत करते हुए कहा कि यह कानून व्यवस्था का नहीं अपितु सुदूर इलाके में विकास नहीं होने की वजह से उपजा मामला है। जब तक विकास नहीं होगा, नक्सलवाद नहीं रुक सकता। माओवादी नेता किशनजी की आलोचना करते हुए कहा कि 72 दिन के सीजफायर की घोषणा के अगले दिन दो जगह पर नक्सली हमला किया गया जो अनुचित है। नक्सलियों द्वारा निर्दोषों की हत्या किया जाना गलत है। कान्हू सान्याल एवं चारु मजुमदार ने भी स्वीकार किया था कि 369 निर्दोष लोगों को मारा गया। जमशेदपुर सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि 5 मार्च को जेल भरो आंदोलन के तहत एटक, इंटक समेत तमाम मजदूर संगठनों द्वारा रेल चक्काजाम एवं सड़कजाम आंदोलन किया जाएगा। झारखंड असंगठित मजदूर यूनियन के बैनर तले कोल्हान प्रमंडल में पांच जगहों पर उग्र आंदोलन होगा। पूर्व सांसद ने बताया कि माकपा, भाकपा, फारवर्ड ब्लाक एवं आरएसपी की ओर से महंगाई के खिलाफ 12 मार्च को दिल्ली मार्च किया जाएगा। इसमें झारखंड के 12 हजार लोग शिरकत करेंगे। झारखंड की राजनीति पर उनका कहना था कि मधु कोड़ा एंड कंपनी द्वारा 4000 करोड़ का घोटाला किए जाने के खुलासे के बावजूद उनकी पत्नी चुनाव जीत गई तो चन्द्रप्रकाश चौधरी के पीए के पास 14 करोड़ मिलने पर भी जनता ने उन्हें दोबारा विधायक बना दिया है। भाकपा का विधानसभा में खाता नहीं खुलने से यह नहीं समझा जाना चाहिए कि यहां संगठन कमजोर हो गया है। उन्होंने न्यूनतम मजदूरी की सीमा 150 रुपये किए जाने की मांग करते हुए कहा कि सरकार द्वारा इसकी अधिसूचना नहीं निकाली गई तो आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने नरेगा में बड़े पैमाने पर गोलमाल का आरोप लगाया है।

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