नई दिल्ली. 25 फरवरी. केंद्र सरकार ने नक्सलियों के खिलाफ युध्द विराम की घोषणा की पहल करने से इंकार कर दिया है, जबकि नक्सली नेता कोटेश्वर राव उर्फ किशन जी द्वारा इसके लिए कथित रूप से तय की गई समय सीमा गुरुवार को समाप्त हो गई। केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी के नेता किशन जी के मोबाइल नंबर पर फोन करने का सवाल ही नहीं उठता। हमें लगता है कि भ्रमित करने वाला फोन नक्सलियों से सहानुभूति रखने वालों ने किया था। केंद्रीय गृह मंत्री पी। चिदंबरम की नक्सलियों से हिंसा छोड़ने की अपील के बाद किशन जी ने कहा था कि यदि केंद्र सरकार नक्सलियों के साथ शांति वार्ता चाहती है तो वह गुरुवार तक बात करे। गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा- मंत्रालय से कोई भी इस नंबर पर बात करने नहीं जा रहा है। वैसे भी नक्सली नेता द्वारा दिया गया यह नंबर पहुंच से बाहर है। केंद्र के साथ वार्ता का विरोध करने वाले किशन जी ने सोमवार को एकाएक अपना रुख बदलते हुए युध्द विराम के प्रयास के लिए अपनी तरफ से 72 घंटे की समय सीमा तय की थी। उन्होंने कहा था कि यदि सुरक्षा बल पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और उड़ीसा में नक्सलियों के विरुध्द चलाए जा रहे अभियानों को बंद कर दें तो उन लोगों की तरफ से हिंसा नहीं होगी। किशन जी की इस घोषणा के तुरंत बाद सशस्त्र विद्रोहियों ने पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर जिले में सुरक्षा बलों के एक कैंप पर हमला कर दिया था। उधर, गृह मंत्री ने दोहराया है कि नक्सली यदि हिंसा छोड़ने और बिना शर्त बातचीत का प्रस्ताव रखते हैं तो सरकार इस पर सकारात्मक रुख अपनाएगी।
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