Sunday, February 21, 2010

निलंबित आईजी के पक्ष में उतरे जवान

प्रशासन के आला अधिकारियों के बीच जवाबदेही से बच निकलने की कोशिश में मची तू- तू मैं-मैं के बीच रविवार को पहली तलवार गिरी ईस्टर्न फ्रंटियर राइफल्स के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस विनय चक्रवर्ती पर। उन्हें मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के निर्देश पर निलंबित कर दिया गया। इसके विरोध में ईएफआर के जवानों ने सालुआ में प्रदर्शन शुरू कर दिया है और उनका निलंबन वापस लेने के लिए ४८ घंटे का अल्टीमेटम दिया है। आईजी ने शनिवार को मेदिनीपुर के खड़गपुर में सालुआ स्थित ईएफआर के मुख्यालय में चेहरे पर कपड़ा बाँधकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया था कि बंगाल सरकार अपने अर्द्धसैनिक बल का बेजा इस्तेमाल कर रही है और मेदिनीपुर जिले की पुलिस से सहयोग नहीं मिल पा रहा है। १५ फरवरी को शिल्दा में ईएफआर के शिविर पर हमला कर नक्सलियों ने २४ जवानों को मार डाला था। रविवार को नक्सली कमांडर एम. कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी ने माना है कि पलटवार में ईएफआर के जवानों की गोली से ५ नक्सली गैरिल्ले भी मारे गए जिनके शव लेकर वे लोग निकल गए थे। एक अनुमान के अनुसार हमले में २० से अधिक नक्सली घायल भी हुए हैं।

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