Friday, February 26, 2010



जमशेदपुर। राज्य गठन के 10 साल बाद भी पहचान और विकास को तरसते आदिवासियों का गुस्सा शुक्रवार को उपायुक्त कार्यालय पर फूट पड़ा। झारखंड रक्षा संघ और दलमा बुरु समिति की अगुवाई में बड़ी संख्या में आदिवासियों-मूलवासियों ने परंपरागत हथियारों से लैस होकर रैली निकाली। उपायुक्त कार्यालय पर रैली की शक्ल में पहुंचे आदिवासियों ने एक घंटे से भी अधिक समय तक विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान नेताओं ने आदिवासियों व मूलवासियों के समक्ष उत्पन्न संकट पर चिंता जतायी। नेताओं का कहना था कि राज्य का निर्माण तो आदिवासी व मूलवासियों की पहचान को कायम रखने के लिए किया गया था लेकिन यह सपना आज धरा रह गया। नेताओं ने आपरेशन ग्रीन हंट पर भी खुलकर भड़ास निकाली। झारखंड रक्षा संघ और दलमा बुरु समिति के नेताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस नक्सली जांच के नाम पर घरों में घुसकर खतियान फाड़ रही है। विकास के नाम पर उनका शोषण किया जा रहा है और राज्य में आदिवासियों-मूलवासियों के समक्ष ही संकट उत्पन्न हो गया है। प्रदर्शन के बाद उपायुक्त के माध्यम से 18 सूत्री ज्ञापन राष्ट्रपति को भी भेजा गया। इस पत्र पर दलमा बुरु सेंदरा समिति और झारखंड रक्षा संघ के पदाधिकारियों ने हस्ताक्षर किये हैं। इनमें राकेश हेम्ब्रम, डा. छोटे हेम्ब्रम, संग्राम मार्डी, डीबर समद, लाल सिंह गगराई, कान्हू टुडू, दिवाकर सोरेन, बेंडे बीरजो, गोपाल सरदार आदि शामिल हैं।

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