Thursday, February 11, 2010

ऑपरेशन ग्रीनहंट : नक्सली बंदियों की संख्या बढ़ी

जगदलपुर ! जेल की सुरक्षा तगड़ी करने जेल प्रशासन ने उच्चाधिकारियों से फोर्स की एक कंपनी की मांग की है। गौरतलब है कि सेंट्रल जेल जगदलपुर में क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं तथा नक्सली मामलों के चलते भी विचाराधीन कैदियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। दंतेवाड़ा, कांकेर तथा नारायणपुर सहित दूर-दराज के क्षेत्रों से पकड़े जाने वाले नक्सलियों को भी जगदलपुर के जिला जेल में रखा जाता है जिसके कारण इनकी संख्या बढ़ी है। नक्सली बंदियों की ज्यादा संख्या के कारण सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। क्रेड़ा के सहयोग से सोलह बड़ी लाइटें तथा एक हाईमास्ट लगाया गया है। यह व्यवस्था जेल परिसर के अंदर की गई है। जैसे ही नई जेल तैयार होगी, वहां जबर्दस्त विद्युत व्यवस्था की जाएगी। मालूम हो कि पुलिस के द्वारा पूरे बस्तर जिले में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन ग्रीनहंट तथा त्रिशूल अभियान चलाया जा रहा है तथा बस्तर के अंदरूनी हिस्सों में पुलिस की दखल बढ़ी है। साथ ही नक्सली एवं संघम सदस्यों की गिरफ्तारी भी हो रही हैं जिसके कारण जेल में नक्सली बंदियों की संख्या बढ़ी है। जेल में बंदियों की क्षमता मात्र साढ़े छ: सौ की है। लेकिन यहां सोलह सौ से अधिक बंदी हैं। जिसके कारण स्थिति तथा व्यवस्था लचर मानी जा सकती है। जेल की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की कवायद में कसंटिना वायर भी लगाया जाना है, किंतु बजट के अभाव में अभी तक यह काम पूरा नहीं हो पाया है। जेल अधीक्षक आर के शुक्ला ने बताया कि सेंट्रल जेल से कुछ बंदियों को प्रदेश के दूसरी जेलों में शिफ्ट करने के लिए भी मुख्यालय में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया है। तथा जेल परिसर के बाहर सुरक्षा के लिए पूरे एक कंपनी की मांग की गई है।

(देशबंधु, ८ फरवरी, 2010)

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