Sunday, February 21, 2010

राज्य सरकार ने अल्पवयस्कों को एसपीओ नियुक्त करने से किया इंकार


रायपुर/नयी दिल्ली। छत्तीसगढ़ सरकार ने आज उच्चतम न्यायालय में इन आरोपों से इंकार किया कि अल्प वयस्कों को विशेष पुलिस अधिकारी नियुक्त किया है या नक्सलों के खिलाफ उसकी लड़ाई में नागरिकों को हथियार दिए हैं।
राज्य सरकार की ओर से पेश होते हुए वरिष्ठ वकील के के वेणुगोपाल और मुकुल रोहतगी ने कहा, ''हम इन सभी आरोपों से इंकार करते हैं।'' उन्होंने यह बात प्रधान न्यायाधीश के जी बालाकृष्णन की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष कही। पीठ ने स्पष्ट कहा कि एसपीओ की नियुक्ति भारतीय पुलिस कानून या छत्तीसगढ़ पुलिस कानून के तहत की जानी चाहिए।
न्यायालय एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है। कुछ शिक्षाविदों और सामाजिक कार्यकताओं द्वारा दायर इस याचिका के आधार पर ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से इस बात की जांच करने को कहा गया है कि राज्य सरकार नक्सलवाद से निपटने के लिए सलवा जुडुम को समर्थन दे रही है।
सलवा जुडुम पर कई बार मानवाधिकार हनन के आरोप लग चुके हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार ने कहा कि मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि अल्प वयस्कों को एसपीओ नियुक्त नहीं किया गया तथा याचिकाकर्ता विभिन्न आरोप लगाकर गलत तस्वीर पेश कर रहे हैं।

न्यायमूर्ति एस एच कपाड़िया और न्यायमूर्ति आफताब आलम की पीठ ने कहा, '' एक जबरदस्त मनोवैज्ञानिक युद्ध चल रहा है।

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