Thursday, February 25, 2010

नक्सली गतिविधियों के कारण शेरों की गिनती नहीं


रायपुर । इंद्रावती लैंड स्केप में नक्सली गतिविधियों के कारण शेरों की गिनती नहीं हो पा रही है। वन मंत्री विक्रम उसेंडी ने आज विधानसभा में यह जानकारी दी।विपक्षी सदस्य महंत रामसुंदर दास का लिखित में सवाल था प्रदेश के किन-किन अभ्यारण्य एवं प्रोजेक्ट टाइगर में कितने शेर है? प्रदेश में शेरों की गिनती कब-कब की जाती है? अंतिम बार गणना कब की गई थी? वन मंत्री विक्रम उसेंडी ने लिखित जवाब में बताया कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली एवं भारतीय वन्य प्राणी संस्थान देहरादून की रिपोर्ट 2008 के अनुसार अचानकमार लैंड स्केप में 18-22 बाघ तथा उदंती-सीतानदी लैंड स्केप में 6-8 बाघ प्रतिवेदित है। इंद्रावती लैंड स्केप में नक्सली गतिविधियों के कारण बाघों की गिनती नहीं की जा सकी। इसके अतिरिक्त राज्य के उत्तरी व दक्षिणी भाग में भी विरल बाघ रहवास होने संबंधी आंकलन किया गया है। प्रतिवेदन अनुसार राज्य में कुल 23-28 बाघ प्रतिवेदित किये गए हैं इसमें इंद्रावती लैंड स्केप सम्मिलित नहीं है। राज्य बाघ रहवास क्षेत्र 3069 वर्ग किलो मीटर उल्लेखित किया गया है राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली के दिशा निर्देश वर्ष 2009 के अनुसार बाघ के चिन्हों से संबंधित आंकड़े संरक्षित क्षेत्रों में वर्ष में दो बार एवं अन्य वन क्षेत्रों में 4 वर्ष में एक बार एकत्रित किये जाते हैं। बाघ एवं अन्य वन्य प्राणियों के आंकलन हेतु अंतिम बार विभिन्न आंकड़े वर्ष 2006 में एकत्रित किये गए थे। इनके विश्लेषण पश्चात आंकलन प्रतिवेदन राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली एवं भारतीय वन्य प्राणी संस्थान देहरादून द्वारा वर्ष 2008 में दिया गया।

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