गोह (औरंगाबाद) उपहारा थाना पुलिस नक्सलियों की सूचना से शनिवार रात परेशान रही। पुलिस को लगा की नक्सली थाना घेराव की तैयारी कर रहे है। नक्सलियों के दस्ता होने की सूचना थानाध्यक्ष ने वरीय पुलिस अधिकारियों को दी। थानाध्यक्ष की सूचना पर जिले में हड़कंप मच गया और चार थानों की पुलिस उपहारा के लिए रवाना हो गई। थानाध्यक्षों के साथ सीआरपीएफ जवान, एसडीपीओ एवं इंसपेक्टर भी उपहारा थाना पहुंचे। वहां पहुंचने पर पता चला कि नक्सलियों के होने की सूचना गलत है। बताया जाता है कि बजलपुर के ग्रामीण रामबली साव का भैंस रात्रि में चोरों ने चुरा ली। चोरी गए भैंस की खोज में बजलपुर के दो तीन सौ ग्रामीण गांव से बाहर निकले। टार्च लेकर ग्रामीण बधार में भैंस खोज रहे थे जिसे पुलिस नक्सली समझ बैठी। यहीं थानाध्यक्ष से चुक हुई और अपनी खीझ उतारने को उन्होंने भैंस खोज रहे दो ग्रामीण टिंकु कुमार एवं दुलारचंद चौधरी को गिरफ्तार कर लिया। थानाध्यक्ष ने बजलपुर के ग्रामीणों से कहा कि ये दोनों के नक्सली होने का संदेह है। पुलिस के इस रवैये से परेशान ग्रामीणों ने वरीय अधिकारियों से बात की और थाना के बाहर ग्रामीण बैठ गए। मुखिया सूबेदार पासवान ने थानाध्यक्ष से ग्रामीणों को छोड़ने की गुहार लगाई परंतु दोनों ग्रामीण थाना से नहीं छूटे। ग्रामीणों का कहना था कि पुलिस ने टिंकु एवं दुलारचंद को बेवजह थाना में बंद कर दिया है। दोनों का नक्सलियों के साथ कोई संबंध नहीं है। बताया जाता है कि रविवार को एसडीपीओ सुबोध कुमार विश्वास थाना पहुंचे और पकड़े गए टिंकु एवं दुलारचंद से पूछताछ की। पूछताछ के बाद दोनों को छोड़ा गया। ग्रामीणों को देवकुंड थाना से चोरी गई भैंस रविवार को दिया।
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