कोलकाता। केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम द्वारा माओवादियों को हथियार डालकर वार्ता के लिए दी गई 72 घंटे की मोहलत पर माओवादी नेता किशनजी ने सोमवार शाम प्रतिक्रिया व्यक्त की। किशनजी ने इस मोहलत को बढ़ाकर 72 दिन किए जाने की शर्त रखी है। 25 फरवरी से 7 मई के बीच की इस अवधि में केंद्र व राज्य सरकार के सुरक्षा बलों की ओर से किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। इस बीच आदिवासी इलाकों में विकास कार्य शुरू होने चाहिए। तब सरकार के साथ शांति वार्ता की स्थितियां बन पाएंगी। किशनजी ने ये बातें एजेंसी से अज्ञात स्थान से किए गए फोन के जरिए कहीं। किशनजी ने कहा है कि अगर समस्या 72 दिनों में सुलझ सकती है, तो यह कोई बड़ा समय नहीं है। बुद्धिजीवियों, मानवाधिकार संगठनों और जन संगठनों से मूल समस्या को समझने का अनुरोध करते हुए किशनजी ने कहा है कि वे आगे आएं सरकार से होने वाली बातचीत में बिचौलिए की भूमिका निभाएं। जैसे ही सरकार द्वारा प्रायोजित हिंसा खत्म हो जाएगी, वैसे ही माओवादी भी उसका प्रतिकार बंद कर देंगे। माओवादी नेता ने कहा कि सरकार को हिंसा बंद करने में पहल करनी होगी। पश्चिम बंगाल और झारखंड सीमा पर घने जंगलों में भाकपा की केंद्रीय कमेटी की दो दिन की बैठक के बाद किशनजी ने ये बातें कही हैं।
किशनजी ने कहा कि बंगाल के जंगल महल इलाके में निर्दोष लोगों की हत्या रोककर सरकार अगर वहां पर विकास के सही कार्य शुरू करती है, तो माओवादी अपने-आप शांत हो जाएंगे। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा माओवादियों को कायर कहे जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए माओवादी नेता ने कहा कि पिछले एक साल में चार सौ निर्दोष लेकिन हमारे समर्थक ग्रामीणों को सुरक्षा बलों द्वारा मारा जाना, तीन सौ को घायल करना और महिलाओं के साथ बलात्कार करने की घटनाओं से पता चलता है कि कायर कौन है?
गृह मंत्रालय आज अपना रुख स्पष्ट करेगा
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो : केंद्रीय गृह मंत्रालय में विशेष सचिव यूके बंसल ने कहा है कि माओवादी अगर बिना किसी शर्त के बात करने को तैयार हैं, तो स्वागत है। जबकि गृह सचिव जीके पिल्लै ने मीडिया के माध्यम से आए इस प्रस्ताव पर किसी प्रकार की प्रतिक्रिया देने से इन्कार किया है। मिली जानकारी के अनुसार गृह मंत्रालय में नक्सल समस्या पर विचार के लिए बने कोषांग में माओवादियों की ओर से आए ताजा प्रस्ताव पर विचार शुरू हो गया है। केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम को भी माओवादियों के प्रस्ताव की जानकारी दे दी गई है। संकेत हैं कि मंगलवार को गृह मंत्रालय माओवादियों के प्रस्ताव पर अपना जवाब सार्वजनिक कर देगा।
No comments:
Post a Comment