Monday, February 8, 2010

नक्सली हिंसा छोड़े, सरकार बातचीत को तैयार

नई दिल्ली। गृहमंत्री पी.चिदंबरम ने मंगलवार को कहा कि नक्सलवाद की तुलना जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद तथा पूर्वोत्तर में उग्रवाद से नही की जा सकती है। उन्होंने कहा कि माओवादियों से अलग तरह से निपटे जाने की जरूरत है। चिदंबरम ने यह भी कहा कि नक्सलियों को हिंसा का रास्ता छो़ड देना चाहिए और सरकार के साथ बातचीत के लिए आगे आना चाहिए। कल हुए सैन्य कमांडर अधिवेशन में गृह मंत्री ने यह बात कही।

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष रवि राय को लिखे पत्र में चिदंबरम ने कहा कि केंद्र उन सभी विषयों पर संबंधित राज्य सरकारों के साथ नक्सलियों की वार्ता शुरू कराने की मुहिम को आगे बढ़ा सकता है, जिसे लेकर नक्सली संघर्ष की बात करते रहे हैं। चिदंबरम ने पत्र की प्रति जस्टिस राजेंद्र सच्चार, प्रोफेसर रजनी कोठारी, कुलदीप नैय्यर, अरूण राय और केजी कानाबिरन को भी प्रेषित की है। चिदंबरम ने सामाजिक कार्यकर्ताओं का ध्यान प्रमुख माओवादियों के उन बयानों की ओर भी आकृष्ट किया है जिसमें हिंसा और सशस्त्र क्रांति को सही ठहराया गया है।

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