नई दिल्ली। 16 फरवरी. उच्चतम न्यायालय ने देश में बढ़ते नक्सलवाद पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए आज कहा कि केंद्र एवं संबंधित राज्य सरकारों को इस समस्या से निपटने के लिए आदिवासी इलाकों में केवल हथियारों का सहारा लेने के बजाय विकासकार्य तेज करने चाहिएं। न्यायमूर्ति बी सुदर्शन रेड्डी और न्यायमूर्ति स्वतंत्र सिंह निार की खंडपीठ ने छत्तीसगढ क़े दंतेवाडा जिले में आदिवासी ग्रामीणों की पुलिस द्वारा की गई हत्या से जुडे मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। खंडपीठ ने कहा कि नक्सली समस्या से निपटने के लिए केवल हथियारों का सहारा लेना ही आवश्यक नहीं है। आदिवासियों और दबे कुचले लोगों को नक्सलवाद के रास्ते पर बढ़ने से रोकने के लिए उन्हें विकास कार्यों के जरिये समाज की मुख्यधारा में लाना होगा।
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