Friday, February 19, 2010

नक्सलगढ़ पहुंचा प्रशासन



/बीजापुर ब्यूरो । छग के मुख्य सचिव समेत आला अफसरों ने नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा एवं बीजापुर जिलों के हालात मौके पर जाकर देखे। उन्होंने संवेदनशील एरिया में लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्या जानी। राहत शिविरों का भी जायजा लिया। दंतेवाड़ा जिले में कासोली राहत शिविर में अबूझमाड़ से आये विस्थापित आदिवासियों की कर्मठता व कार्यकुशलता देख छग के मुख्य सचिव पी जाय उम्मेन अभिभूत हो गये। उन्होंने कहा कि विस्थापित स्थानीय लोगों से हमेशा बेहतर होते हैं यह सुना था मगर कासोली आकर इसे साकार रूप में देखने का मौका मिला। मुख्य सचिव नक्सल समस्या से जूझ रहे दंतेवाड़ा व बीजापुर में विकास की जमीनी हकीकत देखने पहुंचे थे। उनके साथ पीडब्ल्यूडी सचिव एमके राउत व ट्रायबल सचिव आरपी मंडल भी मौजूद थे। बीजापुर में विकास कार्यो की समीक्षा के बाद शाम ३ बजे श्री उम्मेन हेलीकाप्टर से गीदम विकासखंड के कासोली सलवा जुडूम शिविर पहुंचे। कासोली में उन्होंने महिला स्व सहायता समूह द्वारा संचालित रेडी टू ईट प्रसंस्करण यूनिट का अवलोकन किया। कलेक्टर श्रीमती रीना कंगाले ने उन्हें बताया कि महिलाए दिन रात मेहनत कर अपने कौशल से रेडी टू ईट का पैकेट तैयार कर रही हैं। जिन्हें आंगनबाड़ी केंद्रों को भेजा जाता है। यह विस्थापितों की आय का बड़ा स्रोत बन गया है। लघु वनोपज संघ के अध्यक्ष व कासोली शिविर के लीडर चैतराम अटामी ने बताया कि जिले के अन्य शिविरों से जुडूम कमजोर पड़ने के बाद ग्रामीण घर वापसी कर रहे हैं मगर यहां से अब तक कोई भी ग्रामीण वापस नहीं गया है। दंतेवाड़ा में यही ऐसा शिविर है जहां विस्थापितों को मुफ्त राशन नहीं दिया जाता ग्रामीण अपने बल पर मेहनत करके कमाते हैं। कासोली के ग्रामीणों ने विस्थापितों को लगभग ३सौ एकड़ जमीन खेती करने के लिए मुफ्त में दी है जहां भरपूर पैदावार होती है।मुख्य सचिव वन विभाग द्वारा संचालित बांस व काष्ठ शिल्प का कारखाना देखने भी पहुंचे। डीएफओ नावेद सुजाउद्दीन ने उन्हें बताया कि यहां से बने शिल्प पड़ोसी आंध्र प्रदेश में भी लोकप्रिय हो रहे हैं। बांस की टोकरी व चटाई देख श्री उम्मेन ने उसकी उपयोगिता पूछी।कलेक्टर ने बताया कि चटाईयां स्कूलों में भी बैठने के लिए भेजी जा रही हैं। श्री उम्मेन लगभग ४५ मिनट कासोली में रहे व इस दौरान वे आदिवासियों के कौशल व कर्मठता से प्रभावित दिखे।

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