हुए नक्सली हमले में एक सनसनीखेज खुलासा किया गया है। कई राज्यों में आतंक मचाने वाले नक्सलियों ने हमले को अंजाम देने के लिए इस बार छोटे-छोटे बच्चों का इस्तेमाल किया है। पुलिस ने बताया कि १४ से १६ साल के कई बच्चों ने जमुई हत्याकांड को अंजाम दिया। उल्लेखनीय है कि १७ फरवरी को कोरासी गाँव में ११ ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया था और कई घरों को आग के हवाले कर दिया था। पुलिस का कहना है कि १५ साल की उम्र तक के तकरीबन ५० बच्चे इस नरसंहार में शामिल थे। इन बच्चों को बाकायदा ट्रेनिंग देकर तैयार किया गया है। इससे पहले नक्सलियों ने पश्चिम बंगाल के शिल्दा में हमले के लिए औरतों का इस्तेमाल किया था।
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