Monday, February 8, 2010

नक्सल समस्या: रमन ने मांगे 2 हजार करोड़

नई दिल्ली ! प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह द्वारा आंतरिक सुरक्षा पर राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बुलाई गई बैठक में छत्तीसगढ ने केंद्र को अपनी ओर से मांगों की लंबी फेहरिश्त थमा दी। राज्य के मुख्यमंत्री डा रमन सिंह ने अपनी मांगों की लंबी सूची को तार्किक आधार देने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम की उन कोशिशों का उल्लेख किया, जिसके तहत वे राज्यों के साथ समन्वय बैठाकर आंतरिक सुरक्षा को दुरुस्त करने की कवायद में लगे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि पिछडे व नक्सल प्रभावित राज्य होने के कारण प्रदेश के दो नए राजस्व जिलों नारायणपुर व बीजापुर एवं चार नए पुलिस जिले बलरामपुर, नारायणपुर, सूरजपुर व बीजापुर को 200-200 करोड रुपए का विशेष पैकेज मिले, ताकि इन जिलों मे आधारभूत संरचना को मजबूत किया जा सके।

आंतरिक सुरक्षा संबंधी सम्मेलन में इस बात की भी स्वीकृति मिली कि छत्तीसगढ क़े आदिवासी युवाओं को इंडिया रिजर्व बटालियन में भर्ती के लिए शिक्षा व ऊंचाई के मानदंडों में छूट मिलेगी। मुख्यमंत्री की मांग पर केंद्रीय गृह मंत्री ने इस पर सहमति दे दी। सम्मेलन में डा सिंह ने नक्सलियों से लडने में युवा विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) की भूमिका की प्रशंसा करते हुए इनका वेतन डेढ हजार रुपए से बढाकर चार हजार रुपए तक करने की भी मांग की। डा सिंह ने अपने संबोधन में आतंकवाद व नक्सलवाद को एक ही सिक्के का दो अलग-अलग पहलू करार दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि तेरहवें वित्त आयोग से राज्य सरकार ने पुलिस संसाधनों के विकास के लिए 815 करोड रुपए की मांग की है और केंद्र इस रािश को प्रदान करे। ताकि राज्य पुलिस का आधुनिकीकरण किया जा सके। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए 409 करोड क़ी केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी गई योजना को मंजूरी दिलाई जाए। उन्होंने नक्सली क्षेत्र में तैनात पुलिस बलों के लिए आवास सुविधा उपलब्ध कराने के लिए भी केंद्र से विशेष पैकेज की मांग की। डा रमन सिंह ने प्रधानमंत्री को चिदंबरम द्वारा रायपुर में की गई समीक्षा बैठक का हवाला देते हुए कहा कि उस दौरान उन्होंने राज्य को अर्द्धसैनिक बलों की अतिरिक्त बटालियनें देने की सहमति दी थी, जिसे राज्य हित में तुरंत प्रदान किया जाए। प्रभावित क्षेत्रों में सडक़ आदि के निर्माण कार्य की प्रगति व सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री ने दो बटालियनों की अतिरिक्त रूप से मांग की। मुख्यमंत्री ने कहा कि रायपुर में कम्यूनिटी पुलिसिंग पर जोर दिया जा रहा है। डा सिंह ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि केंद्रीय पारा मिलिट्री फोर्स के लिए केंद्र खर्च स्वयं वहन करें। उल्लेखनीय है कि यह खर्च फिलहाल राज्य स्वयं वहन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बल को लॉजिस्टिक व अन्य संसाधन उपलबध कराने के लिए किए जा रहे खर्च को देखते हुए एसआरई, एमपीएफ व एसआईएस के अंतर्गत अतिरिक्त धनराशि छत्तीसगढ क़ो स्वीकृत किया जाए। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य गठन के बाद लगभग दस सालों में राज्य का पुलिस बजट 248 करोड से बढक़र 923 करोड क़ा हो गया है और पुलिस बल व तंत्र में 100 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री ने नक्सल पीडितों के बेहतर पुनर्वास, राह से भटके लोगों को मुख्यधारा में जोडने व पर्याप्त सुरक्षा हेतु भी केंद्र से मदद की मांग की। उन्होंने नक्सल प्रभावित जिलों में आईटीआई, नर्सिंग कॉलेज, उद्यमिता विकास हेतु प्रशिक्षण संस्थान व विकास योजनाएं चलाने के लिए भी केंद्र से मदद मांगी।

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