बिलासपुर । लोकतांत्रिक व्यवस्था एवं वैधानिक स्वतंत्रता के विरुद्घ एक सुनियोजित तरीके से किया गया षड्यंत्र ही नक्सलवाद है। लोकतंत्र पर हो रहे इस आघात से लड़ने के लिए नक्सलवाद के विरुद्घ युद्घ और जनजागरण ही एकमात्र विकल्प है। उक्त बातें पुलिस महानिदेशक श्री विश्वरंजन ने मंगलवार को साइंस कॉलेज में आयोजित व्याख्यान "लोकतंत्र को नक्सलवाद की चुनौती और समाधान" में कही।
अपने व्याख्यान में श्री विश्वरंजन ने चीन में माओ द्वारा प्रतिपादित माओवादी व्यवस्था के दौरान मानव अधिकार के हनन एवं विभिन्न प्रकार से चीन के बौद्घिक वर्ग के शोषण के बारे विस्तार से बताया। वर्तमान में लगभग २८० जिलों में नक्सलवाद फैल चुका है और नक्सली गोरिला युद्घ से मोबाइल वार की तरफ जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि समय रहते हमें नक्सलवाद के विरुद्घ अपनी लड़ाई तेज करनी होगी। प्रदेश में पिछले दो वर्षों से पुलिस महकमे को इस कार्य के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसका परिणाम भी अब परिलक्षित होने लगा है। इस दौरान कॉलेज के छात्र-छात्राओं के विशेष अनुरोध पर श्री विश्वरंजन ने साहब सीरिज की कविताओं का पाठ किया। इस अवसर पर मेयर श्रीमती वाणी राव , जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष श्यामजी भाई पटेल सहित छात्र-छात्राएं मौजूद थे।
(नई दुनिया, बिलासपुर, १७ फरवरी, 2010)
No comments:
Post a Comment