दंतेवाड़ा । छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा ग्रामीण सड़कों के निर्माण में रुकावट पैदा करने और 200 से अधिक स्कूलों की इमारतें उड़ा देने के बाद वहां विकास का कार्य पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है। स्कूल भवन नष्ट होने के बाद क्षेत्र में शिक्षण कार्य ठप्प हो गया है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री रामविचार नेताम ने कहा, "नक्सली आतंकवाद से बस्तर में विकास कार्यो का पूरी तरह दम घुट गया है। केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत करीब 300 सड़क परियोजनाएं नक्सलियों के आतंक के चलते ठप्प पड़ी हुई हैं।
"स्कूल शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हाल ही में संकलित की गई एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, "बस्तर में वर्ष 2007 से अब तक करीब 210 विद्यालय भवन उड़ाए जा चुके हैं। परिणामस्वरूप शिक्षा विभाग को केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के शिविरों के नजदीक कुछ स्कूल दोबार शुरू करने पड़े।"उन्होंने कहा, "स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति में बहुत कमी आई है। इसकी वजह यह है कि माता-पिता अपने बच्चों को बंदूकों की सुरक्षा में रहने वाले स्कूलों में नहीं भेजना चाहते हैं।"करीब 40,000 वर्ग किलोमीटर के बस्तर क्षेत्र में पांच जिले दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, बस्तर और कांकेर शामिल हैं। नक्सली 80 के दशक के अंतिम वर्षो से इस क्षेत्र के आंतरिक इलाकों में एक समानांतर सरकार चला रहे हैं। देश की कुल लौह अयस्क खदानों का 20 प्रतिशत हिस्सा इसी क्षेत्र में है।
"राजधानी रायपुर के पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों का कहना है कि वर्ष 2005 से अब तक बस्तर इलाके में नक्सली हिंसा में करीब 1,600 लोग मारे गए हैं।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment