चंद्रशेखर ने कहा कि आठ-दस दिनों से पश्चिम बंगाल और झारखंड की सरकारों ने सीमांत क्षेत्र में माओवादियों के खिलाफ साझा अभियान छेड़ रखा है। झारखंड पुलिस को माओवादियों के कुछ कैंप नष्ट करने व कुछ को गिरफ्तार करने में सफलता भी मिली है, जबकि बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर जिले के लालगढ़ एवं बेलपहाड़ी इलाकों में पुलिस को कुछ खास सफलता नहीं मिल पाई है। सिर्फ बेलपहाड़ी थाना क्षेत्र के कन्हाईसोल में पुलिस को माओवादियों का एक बंकर धवस्त करने में ही सफलता मिली है। बंगाल में अभियान के दौरान आज तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। माओवादी नेता ने कहा कि अभियान के दौरान माओवादियों की कोई गतिविधि नजर नहीं आने से राज्य की सरकार और पुलिस मान रही है कि अभियान के चलते माओवादी भय से बैकफुट पर चले गए हैं लेकिन यह उनका दिवास्वप्न ही है। सरकार व पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा कि समय आने पर उन्हें हमारी गतिविधियां नजर आ जाएंगी। माओवादियों की अगली योजना के बारे में पूछने पर चंद्रशेखर ने कहा कि विशेष रणनीति के तहत फिलहाल इस संबंध में कुछ नहीं बताएंगे। इधर, सूत्रों के मुताबिक पुलिस अभियान के चलते माओवादी जंगल छोड़ गांवों में आ गए हैं और वहां पर ग्रामीणों से घुल-मिल गए हैं।
Wednesday, March 24, 2010
ग्रीन हंट से माओवादियों का नुकसान नही
भाकपा (माओवादी) की पश्चिम बंगाल-झारखंड रीजनल कमेटी के नेता चंद्रशेखर का दावा है कि आपरेशन ग्रीन हंट चलाकर केंद्र व राज्य सरकारें माओवादियों का कुछ भी नहीं बिगाड़ सकती हैं। जागरण से दूरभाष पर चंद्रशेखर ने कहा कि इसी प्रकार का अभियान आंध्र प्रदेश में भी छेड़ा गया था लेकिन सरकार माओवादियों का कुछ नहीं बिगाड़ पाई। संगठन जस का तस बना हुआ है और पिछले कुछ समय में माओवादियों ने अपनी शक्ति में और भी इजाफा कर लिया है।
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