Sunday, March 7, 2010

किशनजी के दावे पर पिल्लै का जुबानी प्रहार


नई दिल्ली । केंद्र सरकार व माओवादियों के बीच वाकयुद्ध जारी है। शनिवार रात माओवादी नेता किशनजी द्वारा दिए गए बयान के जवाब में गृह सचिव जीके पिल्लै ने रविवार को कहा माओवादी यह स्वप्न देखते रहें, लोकतंत्र में सपना देखने का अधिकार सभी को है। उन्होंने दोहराया कि बिना हिंसा छोड़े बातचीत नहीं हो सकती।

विदित हो कि किशनजी ने कहा था कि हम 2050 से बहुत पहले ही भारत सरकार का तख्ता पलट देंगे। जानकारों की मानें तो देश को खोखला कर अपनी जुड़े जमाने की माओवादियों की सुनियोजित रणनीति को लेकर जो अंदेशा जताया जाता रहा है, किशनजी के बयान से उसकी पुष्टि होती है। आंतरिक सुरक्षा विशेषज्ञों ने लगातार आगाह किया है कि बंदूक और बुद्धिजीवियों के सहारे सत्ता स्थापित करने का लक्ष्य माओवादियों के दिमाग में है। यही वजह है कि सूबों की राजनीति में भी उनका गहरा दखल होता जा रहा है।

माओवादियों की सियासत में घुसपैठ का पश्चिम बंगाल सबसे ठोस प्रमाण माना जा रहा है। शायद यही वजह है कि केंद्र सरकार ने माओवादियों को देश के लिए सबसे गंभीर खतरा करार दिया है।

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