वीडियोकांफ्रेसिंग से जुड़े सारे ब्लॉक मुख्यालय
छत्तीसगढ़ राज्य के सभी जिला और ब्लॉक मुख्यालयों के थाने अब सीधे पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) से जुड़ गए हैं। इसके लिए थानों से लेकर पीएचक्यू तक वीडियो कांफं्रेसिंग की व्यवस्था की गई है। इससे सबसे ज्यादा फायदा नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों और अफसरों को हो रहा है। लगभग हर दिन पीएचक्यू के वरिष्ठ अफसर थानेदारों से सीधी बात कर उनकी हौसला अफजाई कर रहे हैं।
पुलिस अफसरों के अनुसार पीएचक्यू और थानों के बीच वीडियो कांफं्रेसिंग का प्रस्ताव काफी पुराना था, लेकिन तकनीकी कारणों से यह पूरा नहीं हो पा रहा था। करीब पखवाड़ेभर पहले चिप्स के सहयोग से इसे व्यवस्थित किया गया है। वीडियो कांफं्रेसिंग के लिए पुलिस मुख्यालय के सभा कक्ष, जिलों में एसपी कार्यालय, एसडीओपी कार्यालयों में क्रांफेसिंग की व्यवस्था की गई है।
वीडियो कांफं्रेसिंग के माध्यम से एक साथ आधा दर्जन से अधिक जिलों से बात की जा सकती है। अफसरों ने बताया कि इस सुविधा के माध्यम मैदानी पुलिस कर्मियों की समस्या और दिक्कतों को वरिष्ठ अफसरों तक आसाना से पहुँचाया जा सकता है। वहीं, वरिष्ठ अफसर भी महत्वपूर्ण मामलों की जानकारी लेने के साथ ही मागदर्शन भी दे सकते हैं।
अफसरों के अनुसार वीडियो कांफं्रेसिंग का सबसे ज्यादा फायदा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात जवानों और अफसरों को होगा। सूत्रों के अनुसार दो दिन पहले डीजीपी विश्वरंजन ने दंतेवाड़ा एसपी और डीआईजी के साथ ही कुछ संवेदनशील थानों के अफसरों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की। इस दौरान डीजीपी ने थानेदारों से वहाँ के हालात और उनकी दिक्कतों के संबंध में पूछा।
पीएचक्यू के वरिष्ठ अफसरों के अनुसार इस सिस्टम का उपयोग फोर्स का मनोबल बढ़ाने के लिए करने पर भी विचार किया जा रहा है। अफसरों ने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के सुदूर थानों जहाँ से नियमित संपर्क नहीं हो पाता, उन्हें भी इसके माध्यम से जोड़ने की योजना है।
साथ ही हर महीने प्रभावित क्षेत्रों में तैनात राज्य पुलिस और केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बलों के जवानों को भी वरिष्ठ अफसरों से सीधी बात करने का मौका देने पर विचार किया जा रहा है। पीएचक्यू की इस मुहिम का उद्देश्य मैदानी स्तर पर काम कर रहे जवानों की समस्याओं की जानकारी हासिल करना और उनकी हौसला अफजाई करना है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment