Wednesday, March 10, 2010

नक्सली पेच का नया काट

छत्तीसगढ़ में क्सली मसले का समाधान, दिनोंदिन बदले हालात को देखते हुए पेचीदा होता जा रहा है। हाल ही में, नक्सलियों की ओर से संघर्ष विराम के तहत समझौते को दिशा देने की कोशिश की गई। लेकिन, नक्सलियों की इस पहल में सशर्त पेच होने के कारण केंद्र सरकार ने उक्त पहल को नकार दिया। इसके बाद माओवादियों के प्रमुख नेतृत्वकर्ताओं ने हालात को फिर पेचीदा बनाते हुए अपनी ओर से एक नई पहल ईजाद की या तो सरकार बातचीत पर पहल करे या बड़े संघर्ष के लिए तैयार हो जाए। कुल मिलाकर हालात को घुमावदार बनाने का यह सिलसिला नक्सलियों की लंबी सूझबूझ का ही प्रतीक मालूम पड़ता है। इनके इस पहल पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नक्सल प्रभावित राज्यों में चल रहे संयुक्त अभियान को दिशा देने के लिए स्पेशल ऑपरेशन ग्रु्रप (एसओजी) के गठन की तैयारी का मंसूबा बनाया है। इस मंसूबे के बूते संयुक्त अभियान को नई रणनीति के तहत दिशा देने की पहल भी की जाएगी। उल्लेखनीय है कि नक्सल प्रभावित राज्यों में पुलिस और सुरक्षाबलों के मध्य तालमेल की जिम्मेदारी भी एसओजी के गठन पर निर्भर करेगी। नक्सलियों के निरंतर बदलते रणनीतियों को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ सहित नक्सल प्रभावित आठ राज्यों को पत्र भेजकर स्पेशल ऑपरेशन गु्रप की कारगर भूमिका पर राय मॉंगी है। गृहविभाग के मुताबिक नक्सल प्रभावित राज्यों में चलाए जा रहे संयुक्त अभियान की पूरी कमान भी एसओजी के सुपुर्द रहेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने माकूल विवेचना के तहत अर्धसैन्य बलों के आला अफसरों के साथ राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों को समन्वित करते हुए, इस मसले के स्वरूप को विस्तार देने का मन बनाया है। दरअसल, स्पेशल ऑपरेशन गु्रप के गठन की महत्वपूर्ण पहल इसलिए भी लाजिमी है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जहाँ विकास कार्यों की प्राथमिकता बाधित हो चली है। ऐसे क्षेत्रों को विकास के जनजीवन से जोड़ते हुए एसओजी जैसे इकाई की जरूरत महत्वपूर्ण जान पड़ती है। चूँकि, जब तक आदिवासी क्षेत्रों के उन इलाकों को नक्सली कब्जों से मुक्त नहीं कराया जाएगा, तब तक विकास की किसी कसौटी में हम खरे नहीं उतरेंगे। ऐसी दशा-दिशा में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन समस्त राज्यों में सूचनाओं का तालमेल बनाए जाने की प्रक्रिया को महत्वपूर्ण माना है तथा इन्हें सक्रियता प्रदान करने के लिए एसओजी की कारगर भूमिका को प्रभावी बताया है। इस तरह नक्सलियों से लड़ने के लिए एक नई टीम का आह्वान गृह मंत्रालय की ओर से किया गया बेहतर आह्वान है और इस दिशा में सक्रियता बनाए रखना चाहिए।
(संपादकीय, नई दुनिया, रायपुर, १० मार्च, २०१०)

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