हवेली खड़गपुर (मुंगेर)। चारो ओर से नदी व पहाड़ से घिरा घुघलाडीह गांव में नक्सलियों द्वारा होली की रात चौकीदार कमलेश्वरी मंडल व पंचायत साक्षरता सचिव कैलाश पंडित की निर्मम गला रेत कर हत्या के बाद दशहतजदा ग्रामीण गांव छोड़ कर कही अन्यत्र जगह पलायन को मजबूर हो गये हैं। ग्रामीण घटना के बाद इतने डरे हुए हैं कि किसी परिचित व अपरिचितों को मोबाइल काल को भी रिसिव करना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। वहीं गांव में सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं है। ग्रामीणों को अपनी गाय-भैस की भी चिंता नहीं है। घटना के बाद शाम होते ही ग्रामीण अपने घरों में दुबके नजर आते हैं। बताते हैं कि खुटहन जंगल के किनारे खुलेआम माओवादियों का जत्था घूमते देखा जा रहा है। माओवादियों द्वारा लोक लुभावने वायदे से सीधे सादे नौजवानों को अपनी ओर आकर्षित कर नये चेहरे से घटना को अंजाम दिलवा रहे हैं। सूत्र यह भी बताते हैं कि अनसूनी करने पर गांव के नौजवान लड़कों को गांव छोड़ कर भाग जाने धमकी भी देते हैं। नाम न छापने की शर्त पर कई ग्रामीणों ने बताया कि यदि सुशासन सरकार हम लोगों को हथियार लाइसेंस निर्गत करें तो हम लोग लाइसेंस लेने को तैयार हैं। लुका छिपा कर हथियार रखने से पुलिस प्रशासन से पकड़ाने का भी डर रहता है। घटना के बाद गंगटा पंचायत के मुखिया दिनेश्वर पंडित को भी लगातार जान मारने की धमकी दी जा रही है। इधर इस संदर्भ में थानाध्यक्ष अनंत कुमार सिंह ने बताया कि मृतक कैलाश पंडित के पुत्र घनश्याम पंडित के आवेदन पर कुल ग्यारह लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। दोहरे हत्याकांड के बाद नक्सलियों की खोज में बुधवार को डीएसपी केचंद्रा के नेतृत्व में क्षेत्र के कई नक्सल प्रभावित व पहाड़ी क्षेत्रों में छापामारी की गयी, परंतु कोई सफलता हाथ नहीं लगी। छापामारी में सीआरपीएफ डीएसपी सदाराम सिंह, इंस्पेक्टर डी कृष्ण राव, थानाध्यक्ष अनंत कुमार सिंह आदि सहित कई पुलिस जवान मौजूद थे।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment