देवघर। पूर्व रेलखंड के मदनकट्टा व विद्यासागर स्टेशन के बीच नक्सलियों द्वारा आपरेशन ग्रीनहंट के विरोध में मंगलवार सुबह रेल पटरी पर बैनर लगाए जाने व उसे उड़ाने के असफल प्रयास की छानबीन में रेल व जिला पुलिस जुटी हुई है। इस घटना को अंजाम देकर इस इलाके में नक्सलियों ने अपनी उपस्थिति खुले तौर पर दर्ज करा दी है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार देवघर के सीमावर्ती जामताड़ा जिले के नारायणपुर व नाला प्रखंड इलाके में पिछले कुछ समय में नक्सली गतिविधि बढ़ी है। आपरेशन ग्रीनहंट शुरू होने के बाद से इस इलाके में अनजान चेहरों को देखा जा रहा है। रेल पटरी पर हुई घटना को भी इन्हीं नक्सलियों की करतूत बतायी जा रही है। ज्ञात हो कि इस जगह से नारायणपुर की दूरी ज्यादा दूर नहीं है। लोगों ने बताया कि घटना के बाद कुछ लोगों को नारायनपुर की ओर जाते हुए देखा गया। घटना स्थल के पूरब में देवघर जिला के करौं थाना क्षेत्र का लाला पोखर व पश्चिम में जामताड़ा जिला के करमाटांड ओपी के सहजपुर व इंदिराटांड गांव है। यह जगह सुनसान है और काफी दूर तक कोई आबादी नहीं है। गौरतलब हो कि रेल पहले से ही नक्सलियों का साफ्ट टारगेट रहा है। खुफिया तंत्र ने पहले भी इस मार्ग पर नक्सलियों द्वारा रेल पुल को उड़ाये जाने की घटना के बारे में अगाह किया था। इसके बाद से रेल पुलिस ने चौकसी बढ़ा दी थी। बाद में धीरे-धीरे चौकसी कम हो गयी और अब नक्सलियों ने खुलेआम अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। सूत्रों के अनुसार नारायणपुर व नाला इलाके में नक्सली ने अपनी गतिविधि बढ़ा दी है। बताया जाता है कि नाला का इलाका बंगाल के वीरभूम इलाके से जुड़ा हुआ है। बंगाल के इस इलाके काफी समय से नक्सली सक्रिय हैं। अब चुकिं बंगाल में आपरेशन ग्रीन हंट व्यापक पैमाने पर चलाया जा रहा है ऐसे में नक्सली नये ठिकाने की जुगाड़ में हैं। ज्ञात हो कि जामताड़ा का यह इलाका देवघर जिले के करौं, चितरा व पालोजारी थाना क्षेत्र से सटा हुआ है और ऐसे में सीमा के इस पार भी ये नक्सली कभी भी दस्तक दे सकते हैं। रेल पटरी को उड़ाने के असफल प्रयास के बारे में आरपीएफ आसनसोल डिविजन के कमंाडेंट आरएसपी सिंह का कहना है कि मामले में अहम सुराग हाथ लगे है। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। वहीं, चौकसी बढ़ा भी दी गई है।
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