जगदलपुर ! लालबाग स्थित आईजी कार्यालय में कोड़ाकुर से थाना पुलिस ने बेदलू नामक गांव में राष्ट्रीय रोजगार गारंटी के तहत तालाब गहरीकरण के दौरान कार्यरत 300 मजदूरों में से 6 मजदूरों को नक्सली बताकर गिरफ्तार कर विगत दिनों उन्हें जेल के सिंकजे में भेजा गया। इन ग्रामीणों को बेकसूर और नक्सली के नाम पर 19 फरवरी को गिर?तार किये जाने के विरोध में जनपद सदस्य तुलसी निषाद, उपसरपंच सहित अन्य ग्रामीणों ने 26 मार्च को आईजी बस्तर को ज्ञापन सौंपकर इसकी निष्पक्ष जांच कर बेगुनाह आदिवासियों को प्रताड़ित करने वाले पुलिसबल पर कार्यवाही कर न्याय दिलाने की मांग की।
राजूराम पटेल, तुलसीराम जनपद सदस्य और जगन्नाथ ग्राम केलेडो ने बताया कि ग्राम पंचायत कराकी का आश्रित ग्राम नेलहोड में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत तालाब गहरीकरण का कार्य 18 फरवरी से शुरू किया। इसमें समस्त ग्रामीण मजदूरों को प्रत्येक सदस्य ने एक गोदी जिसका दर 100 रूपये सभी गोदी के हिसाब से सभी ग्रामीण मजदूर कोंडारूक और केलोड़ के मिलकर कार्य कर रहा था। लगभग 300 मजदूर कार्य में लगे थे वहां 19 फरवरी को कार्यस्थल पर नेलाहोड में बीएसएफ पुलि कोलेपुर से आकर कार्य कर रहे मजदूरों को तलब कर तालाब निर्माण नक्सलियों के द्वारा कराया जाने का आरोप लगाया। यह शासन के द्वारा नहीं कराई जा रही काम बताकर ग्रामीण मजदूरों को बीएसएफ के पुलिस वालों ने धमकाये और इनमें से हीरूराम मंडावी पिता मुरहाराम मंडावी को पकड़कर मारपीट किये एवं सुनाघर में ले जाकर ताला जड़ दिया और आदिवासियों के घर से पूर्वजों का देवबंदूक ले गये। इसके अलावा लालूराम पिता मारहाराम, गन्नूराम पिता बीराम, धिराधीराम पिता राजूराम, रामसाय पिता मेंगीराम इन पांच लोग नेलहोड के निवासी हैं और जगतराम पिता मंगतूराम ग्राम कोंडारूड निवासी को साथ ले गये। इन 6 लोगों को बीएसएफ कोड़ेकुरसी के कहनानुसार कुंडाईखेड़ा के मध्य जंगल में पकड़ा जाना बताया गया जो सरासर झूठ है। जिस दिन इन्हें बीएसएफ द्वारा पकड़ा गया उस दिन ये सभी रोजगार गारंटी कार्य किये जिसका उल्लेख मस्टरोल कार्ड में भी दर्ज है।
जनपद पंचायत सदस्य तुलसीराम ने कहा कि बेगुनाह आदिवासी मजदूरों को नक्सली बताकर प्रताड़ित किया जा रहा है और इसे ग्रामीणों में भय और रोष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार एक ओर आदिवासियों की हितैषी होने की बात कह रही है लेकिन नक्सली के आड़ में बेकसूर आदिवासियों को प्रताड़ित करने मे कोई कोरकसर छोड़ रखी है।
इस संबंध में बस्तर रेंज के आईजी टीजे लांगकुमेर ने कहा कि उन्होंने पुलिस अधीक्षक कांकेर से इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट चाही गई है वह उन्हें बहुत जल्द भेजे जाने की सूचना एसपी ने दी है। उन्होंने कहा कि प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है और विभिन्न धाराओं में ये मजदूर बंदी हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में इस विषय पर कुछ टिप्पणी करना ठीक नहीं है फिर भी पुलिस अधीक्षक कांकेर की रिपोर्ट आने के बाद इस पर यथा संभव कार्यवाही किया जा सकेगा। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस द्वारा बेगुनाह ग्रामीणों को जिसमें आदिवासी की सं?या अधिक बताई जा रही है ऐसा कोई प्रकरण सामने नहीं आयी है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन ग्रीन हंट और ऑपरेशन त्रिशूल के चलते जहां लगभग 480 नक्सली हिरासत में हैं और विभिन्न घटनाओं में 900 के आसपास नक्सली मारे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस अब सड़क निर्माण सहित अन्य विकास कार्यों में मदद कर रही है और पुलिस सुरक्षा और कानून व्यवस्था पु?ताकर विकास कार्यों में गति लाने का प्रयास कर रही है।
राजूराम पटेल, तुलसीराम जनपद सदस्य और जगन्नाथ ग्राम केलेडो ने बताया कि ग्राम पंचायत कराकी का आश्रित ग्राम नेलहोड में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत तालाब गहरीकरण का कार्य 18 फरवरी से शुरू किया। इसमें समस्त ग्रामीण मजदूरों को प्रत्येक सदस्य ने एक गोदी जिसका दर 100 रूपये सभी गोदी के हिसाब से सभी ग्रामीण मजदूर कोंडारूक और केलोड़ के मिलकर कार्य कर रहा था। लगभग 300 मजदूर कार्य में लगे थे वहां 19 फरवरी को कार्यस्थल पर नेलाहोड में बीएसएफ पुलि कोलेपुर से आकर कार्य कर रहे मजदूरों को तलब कर तालाब निर्माण नक्सलियों के द्वारा कराया जाने का आरोप लगाया। यह शासन के द्वारा नहीं कराई जा रही काम बताकर ग्रामीण मजदूरों को बीएसएफ के पुलिस वालों ने धमकाये और इनमें से हीरूराम मंडावी पिता मुरहाराम मंडावी को पकड़कर मारपीट किये एवं सुनाघर में ले जाकर ताला जड़ दिया और आदिवासियों के घर से पूर्वजों का देवबंदूक ले गये। इसके अलावा लालूराम पिता मारहाराम, गन्नूराम पिता बीराम, धिराधीराम पिता राजूराम, रामसाय पिता मेंगीराम इन पांच लोग नेलहोड के निवासी हैं और जगतराम पिता मंगतूराम ग्राम कोंडारूड निवासी को साथ ले गये। इन 6 लोगों को बीएसएफ कोड़ेकुरसी के कहनानुसार कुंडाईखेड़ा के मध्य जंगल में पकड़ा जाना बताया गया जो सरासर झूठ है। जिस दिन इन्हें बीएसएफ द्वारा पकड़ा गया उस दिन ये सभी रोजगार गारंटी कार्य किये जिसका उल्लेख मस्टरोल कार्ड में भी दर्ज है।
जनपद पंचायत सदस्य तुलसीराम ने कहा कि बेगुनाह आदिवासी मजदूरों को नक्सली बताकर प्रताड़ित किया जा रहा है और इसे ग्रामीणों में भय और रोष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार एक ओर आदिवासियों की हितैषी होने की बात कह रही है लेकिन नक्सली के आड़ में बेकसूर आदिवासियों को प्रताड़ित करने मे कोई कोरकसर छोड़ रखी है।
इस संबंध में बस्तर रेंज के आईजी टीजे लांगकुमेर ने कहा कि उन्होंने पुलिस अधीक्षक कांकेर से इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट चाही गई है वह उन्हें बहुत जल्द भेजे जाने की सूचना एसपी ने दी है। उन्होंने कहा कि प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है और विभिन्न धाराओं में ये मजदूर बंदी हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में इस विषय पर कुछ टिप्पणी करना ठीक नहीं है फिर भी पुलिस अधीक्षक कांकेर की रिपोर्ट आने के बाद इस पर यथा संभव कार्यवाही किया जा सकेगा। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस द्वारा बेगुनाह ग्रामीणों को जिसमें आदिवासी की सं?या अधिक बताई जा रही है ऐसा कोई प्रकरण सामने नहीं आयी है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन ग्रीन हंट और ऑपरेशन त्रिशूल के चलते जहां लगभग 480 नक्सली हिरासत में हैं और विभिन्न घटनाओं में 900 के आसपास नक्सली मारे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस अब सड़क निर्माण सहित अन्य विकास कार्यों में मदद कर रही है और पुलिस सुरक्षा और कानून व्यवस्था पु?ताकर विकास कार्यों में गति लाने का प्रयास कर रही है।
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