जमशेदपुर। झारखंड पर अतिवादियों व चरमपंथियों के मंडराते खतरे को देखते हुए राज्य सरकार ने चौकसी बढ़ाने का फैसला किया है। इसी क्रम में राजधानी के प्रमुख स्थानों पर पहले चरण में प्रयोग के तौर पर थ्री डी बाडी स्कैनर कैमरे लगेंगे। इन कैमरों से किसी व्यक्ति द्वारा छिपाकर रखे गए हथियार या विस्फोटक की तुरंत पहचान हो सकेगी। सूत्रों के अनुसार इस संबंध में गृह विभाग ने जमशेदपुर की संस्था डिग्निटी इंटरनेशनल के साथ मिलकर एक प्रस्ताव तैयार किया है। पहले चरण में नेपाल हाउस, विधानसभा भवन तथा हवाई अड्डे पर थ्री डी कैमरे लगेंगे। गौरतलब है कि झारखंड के 23 जेलों में हाई स्पीड डोम कैमरा लगाने का कार्य भी सरकार ने डिग्निटी इंटरनेशनल को सौंपा है। जेलों लगने वाले हाई स्पीड डोम कैमरे 360 डिग्री के कोण पर घूमते हुए तीन किलोमीटर तक के एरिया को कवर करेंगे। सभी जेलों के कैमरे एक साथ जुड़े होंगे जिसे रांची में बैठे जेल आईजी अपने कार्यालय से किसी भी जेल की गतिविधियों पर लाइव नजर रख सकेंगे। डिग्निटी इंटरनेशनल के डायरेक्टर मोहम्मद परवेज ने स्वीकार किया कि उन्होंने झारखंड के प्रमुख स्थानों पर 3डी एक्सरे कैमरा कैमरा लगाने का प्रस्ताव सरकार को दिया है। यदि स्वीकृति मिल जाती है तो वह इस महंगे कैमरे को लगाने का कार्य शुरू कर देंगे। उन्होंने बताया कि एक कैमरा को स्टाल करने में लगभग सवा करोड़ रूपये का खर्च आएगा। पहले के कैमरे में केवल सामान का एक्सरे होता था लेकिन अब बाडी का भी स्कैन होगा। मनुष्य के पूरे शरीर का पिक्चर कंट्रोल रुम में नजर आने लगेगा।
कैसे काम करता है थ्री डी एक्सरे कैमरा
चाहे आतंकवादी हों या तस्कर, कैमरे को धोखा नहीं दे पाएंगे। यदि कोई हथियार ले जाना चाहे तो वह जैसे ही कैमरे की जद में आयेगा, कंट्रोल रुम में कुछ ही समय में उसका बाडी स्कैनिंग होकर मोनिटर पर दिखने लगेगा। इसके बाद दस सेकेंड में सुरक्षा के लिए तैनात जवान संबंधित व्यक्ति को अपने कब्जे में ले लेंगे।
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