नई दिल्ली । दंतेवाड़ा में नक्सली हमले में 76 सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने को लेकर जेएनयू के छात्र दो गुटों में बंट गए हैं। कैंपस में वामपंथी छात्र संगठन जहां नक्सलियों की कार्रवाई का समर्थन कर रहे हैं, वहीं एबीवीपी व एनएसयूआई के छात्र इसे राष्ट्रवाद का मुद्दा बनाकर विरोध में खड़े हो गए हैं। जेएनयू में पिछले दिनों इस मुद्दे को लेकर हुई झड़प के मामले में कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से नाराज छात्रों ने वीसी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रवादी नारे लगाए तथा नक्सलियों का समर्थन कर रहे छात्र संगठनों पर पाबंदी लगाने की मांग की।
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में सोमवार दोपहर कुलपति कार्यालय के सामने नक्सलवाद के विरोध में दर्जनों छात्र एकत्र हुए। स्टूडेंट अगेंस्ट नक्सलिज्म के बैनर तले छात्रों ने नक्सलियों के समर्थन में कैंपस में चल रही गतिविधियों पर नाराजगी जाहिर की। वक्ताओं ने कहा कि परिसर में छत्तीसगढ़ में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों को श्रद्धांजलि देने के बजाय जश्न मनाया जा रहा है। उन्होंने इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन को भी कठघरे में खड़ा किया दिया।
सभा में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जेएनयू इकाई के सचिव विनीत चतुर्वेदी ने कहा कि फोरम अंगेस्ट वार ऑन पीपुल के बैनर तले वाम समर्थित छात्रों ने पिछले दिनों कैंपस में बिना अनुमति के नक्सलवाद के समर्थन में कार्यक्रम किया था। इस पर एतराज जताने पर नक्सल समर्थक छात्रों ने उन पर हमला कर दिया था। इसकी जानकारी होने के बावजूद प्रशासन ने न तो कार्यक्रम बंद कराया और न ही दोषी छात्रों के खिलाफ कोई कार्रंवाई की।
एनएसयूआई के जेएनयू इकाई के अध्यक्ष सुनील झाझरिया ने कहा कि उन्होंने संगठन की ओर से इस संबंध में रेक्टर आर. कुमार को अपनी चार सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा है। अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती तो आगे भी विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। इस मौके पर एनएसयूआई के जेएनयू इंचार्ज शेख शाहनवाज, भरत कुमार, सुधीर कुमार शर्मा व अमित रंजन भी मौजूद थे।
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