विनोद अग्निहोत्री, नई दुनिया
नई दिल्ली। केंद्र सरकार अब नक्सलियों के खिलाफ एक बड़े "ऑपरेशन" को अंजाम देने की तैयारी में है। खुफिया सूत्रों का कहना है कि दंतेवाड़ा हमले के बाद केंद्रीय सुरक्षा बलों और राज्य पुलिस बलों का मनोबल बढ़ाने के लिए ऐसा करना जरूरी हो गया है। इसके तहत नक्सलियों पर अलग-अलग राज्यों और इलाकों में कई बड़े हमले करके उनकी कमर तोड़ी जाएगी।
सरकार ने इस "ऑपरेशन" के लिए जरूरी खुफिया जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। छत्तीसगढ़, झारखंड, आंध्रप्रदेश, उड़ीसा, बंगाल और बिहार के पुलिस अधिकारियों के साथ बैठकों का दौर जारी है। गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक दंतेवाड़ा में हमले के बाद नक्सलियों का हौसला बढ़ा हुआ है। दंतेवाड़ा हमले के बाद इस इलाके के बड़े नक्सली नेता वहाँ से चले गए हैं।
खुफिया सूत्रों का कहना है कि नक्सलियों की योजना अब उड़ीसा और झारखंड में किसी बड़े हमले को अंजाम देने की है, क्योंकि इन दोनों राज्यों में पुलिस और प्रशासन कमजोर माना जाता है। नक्सली सुरक्षा बलों के मनोबल को कमजोर करना चाहते हैं। नक्सली कुछ करें, उसके पहले सरकार किसी आक्रामक ऑपरेशन को अंजाम देकर नक्सलियों का हौसला तोड़े। इसलिए गृह मंत्रालय में बैठकों के दौर जारी हैं। सरकार सुरक्षा बलों के जरिए नक्सलियों के खिलाफ ऐसे दो-तीन बड़े ऑपरेशन करना चाहती है जिसमें बड़े नक्सली नेताओं को पकड़ा या मारा जा सके। सबसे पहले निशाने पर दंतेवाड़ा कांड के लिए जिम्मेदार रामन्ना और पापाराव जैसे नक्सली नेता हैं। गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि अब अगर सरकार नक्सलियों से बातचीत भी करेगी तो इन बड़े ऑपरेशनों को अंजाम देने के बाद ही यह प्रक्रिया शुरू करेगी। गृहमंत्री पी. चिदंबरम और गृह सचिव जीके पिल्लई समेत सभी वरिष्ठ अधिकारियों की राय है कि फिलहाल नक्सलियों से बातचीत की गुंजाइश खत्म हो गई है।
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