Saturday, April 17, 2010

लालगढ़ में एक भी माओवादी नहीं : ममता

कोलकाता । तृणमूल सुप्रीमो व रेल मंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिमी मेदिनीपुर जिले के लालगढ़ में एक भी माओवादी नहीं है। वहां माकपा कैडरों के इशारे पर आदिवासियों व विपक्षी समर्थकों के खिलाफ केंद्र व राज्य सरकार का संयुक्त पुलिस अभियान चल रहा है। उनके पास साक्ष्य है कि जंगल महल में दो सौ माकपा कैडरों के कैंप चल रहे हैं। केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम को बताना चाहिए कि क्या माकपा कैडरों को संरक्षण देने और विपक्षी समर्थकों की हत्या के लिए संयुक्त आपरेशन चल रहा है।

ममता ने बुधवार को कालीघाट स्थित अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मनिदागा, कांसापति, शालबनी के तुषार भवन, कोसीजोड़, देवबारा, सईदपुर, ग्वालतोड़ व अन्य दर्जनों माकपा कैंपों में हथियारों का जखीरा है। वहां पर प्रतिदिन तृणमूल समर्थकों की हत्या की जा रही है। उन्होंने कहा कि बंगाल में तुगलकी शासन चल रहा है। संविधान की शपथ लेकर भी मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य कानून का उल्लंघन कर रहे हैं। जब दंगे के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से पूछताछ हो सकती है, तो नंदीग्राम में मारे गए लोगों के संबंध में बुद्धदेव भट्टाचार्य से क्यों नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि संत्रास के खिलाफ 16 अप्रैल से आंदोलन तेज होगा। उस दिन शाम को चार से पांच बजे तक एक घंटे के लिए रास्ता जाम होगा। 17 व 18 अप्रैल को राज्यव्यापी रास्ता जाम होगा। ममता ने कहा कि वाम मोर्चा सरकार 33 वर्षो के कार्यकाल में हमेशा केंद्र सरकार की आरती उतारती रही। राजग सरकार में आडवाणी जी की और आजकल संप्रग सरकार के मंत्रियों की। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद 63 वर्षो में पश्चिम बंगाल में 37 वर्षो तक माकपा का शासन रहा, बावजूद इसके विकास नहीं हुआ। तृणमूल के केंद्रीय मंत्रियों को जहां-तहां जाने से रोका जा रहा है। पुलिस माकपा कैडर की भूमिका निभा रही है।

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