Monday, April 12, 2010

अपील और चेतावनी के बीच नक्सलवाद

प्रमुख न्यायविदों, शिक्षा शास्त्रियों एवं पूर्व प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों ने शोषण, असमानता एवं पर्यावरण विनाश पर आधारित विकास के चालू मॉडल की कड़ी आलोचना करते हुए सरकार से कृषि एवं वनभूमि के अधिग्रहण, आदिवासियों के विस्थापन तथा ऑपरेशन ग्रीन हंट पर तुरंत रोक लगाने और स्थानीय आबादी से वार्ता शुरू करने की अपील की है। पूर्व प्रधान न्यायाधीश पीवी सावंत, न्यायमूर्ति एच। सुरेश, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की पूर्व अध्यक्ष मोहिनी गिरि, पूर्व आईपीएस अधिकारी केएस सुब्रह्मण्यम तथा प्रमुख जीव वैज्ञानिक डॉ. पीएम भार्गव के एक निर्णायक मंडल ने भूमि अधिग्रहण, खनिज संसाधनों पर कब्जे तथा माओवाद के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन ग्रीन हंट के मुद्दे पर जनसुनवाई के समापन पर अंतरिम व्यवस्था देते हुए यह अपील की।

उधर
नक्सलियों ने दी और हमले की चेतावनी दी है । भाकपा-माओवादियों ने रविवार को चेतावनी दी है कि वे दंतेवाड़ा जैसे और भी हमले करेंगे। यदि केंद्र ने नक्सलियों के खिलाफ अभियान बंद नहीं किया तो और हमले होंगे। हालाँकि उन्होंने शहीद के परिजनों से सहानुभूति भी व्यक्त की है। साथ ही उनको मुआवजा देने पर भी सहमति जताई। नक्सलियों के अनुसार हम चाहते हैं कि लोग आगे आकर उनकी वित्तीय मदद करें। प्रतिबंधित संगठन ने मीडिया को फैक्स पर भेजे संदेश में कहा कि यदि उनके खिलाफ अभियान नहीं रोका तो सुरक्षाबलों पर और हमले होंगे। नक्सलियों ने लोगों से कहा है कि वे उनके समर्थन में आगे आएँ और लड़ने को तैयार रहें। वे सुरक्षाबलों के लिए सूचनाएँ न दें।

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