Thursday, April 29, 2010
नक्सली कमांडर के खिलाफ मिले अहम सुराग
नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली को नक्सलियों का नया ठिकाना बनाने के काम में जुटे स्वयंभू नक्सली कमांडर गोपाल मिश्रा की गिरफ्तारी को दिल्ली पुलिस की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। उसके खिलाफ दिल्ली पुलिस को कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं। स्वयंभू नक्सली कमांडर गोपाल मिश्रा मूलत: पश्चिम बंगाल के मालदा का रहने वाला है। उसने पश्चिम बंगाल के जाधवपुर विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है। वह पिछले सात-आठ साल से दिल्ली में रह रहा था। गोपाल के खिलाफ पहले कोई केस दर्ज नहीं है, उसे पहली बार गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार गोपाल की पत्नी अनु के हाथों में ग्रुप के महिला विंग की कमान थी, जबकि वह पुरुष विंग की कमान संभालता था। गोपाल को मजदूर यूनियन में घुसपैठ कर नक्सली जनाधार बढ़ाने के मिशन पर दिल्ली भेजा गया था। दिल्ली में उसका काम नक्सलियों के लिए ट्रेड यूनियनों का समर्थन जुटाना, नक्सलियों की भर्ती और दिल्ली आने वाले नक्सलवादियों को शरण देना था। वह दिल्ली में होने वाले नक्सलवादी समर्थक धरना-प्रदर्शनों के लिए भीड़ जुटाने का काम भी करता था। गोपाल के कब्जे से मिले दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि पिछले दिनों उसने बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड एवं पश्चिम बंगाल के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था। उसके पास मिले लैपटाप को पुलिस ने जांच के लिए आईटी एक्सपर्ट के पास भेज दिया है। उसके पास से नक्सली साहित्य भी बरामद हुआ था। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को कोबद घंडी समेत कई नक्सलियों से संपर्क रखने के आरोप में गोपाल मिश्रा और उसकी पत्नी अनु को दिल्ली पुलिस ने शाहदरा इलाके से गिरफ्तार किया था।
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