Saturday, April 17, 2010
ग्रीन हंट पर एक्सएलआरआई प्रोफेसर ने उठाए सवाल
जमशेदपुर। नक्सलवाद के मसले पर सड़क से लेकर सदन तक बहस छिड़ी है। इस बहस से देश के सर्वश्रेष्ठ निजी बिजनेस स्कूलों में शामिल जेवियर लेबर रिलेशंस इंस्टीट्यूट (एक्सएलआरआई) तक के बुद्धिजीवी जुड़ गए हैं। अब तक प्रबंधन के छात्रों को 'मैनेजमेंट मंत्रा' बता कर कारपोरेट जगत की दिशा तय करने वाले एक्सएलआरआई के शिक्षक प्रो. मधुकर शुक्ला ने राज्य के इस सबसे संवेदनशील मुद्दे का हल निकालने के लिए उठाए जा रहे कदम (ग्रीन हंट) पर अप्रत्यक्ष रूप से सवाल उठाए हैं। एक्सएलआरआई प्रोफेसर ने 'सेंसलेस वायलेंस अगेंस्ट इनोसेंट सिटिजेन' मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट करते हुए इस वाक्य के अलग-अलग मायने और नजरिये की ओर ध्यान खींचने का प्रयास किया है। प्रो. शुक्ला ने अपने ब्लॉग पर ग्रीन हंट, नक्सल वारदात और ग्रीन हंट के नाम पर ग्रामीणों पर आई आफत को लेकर तस्वीरों के सहारे सवाल खड़े किये हैं। एक्सएलआरआई में मैनेजमेंट छात्रों को 'स्ट्रेटेजिक मैनेजमेंट' पढ़ाने वाले मधुकर शुक्ला ने अपने ब्लॉग में कहा है कि नक्सलवाद के मामले में 'हिंसा' को बहुत आसानी से परिभाषित कर दिया जाता है। सरकारी अधिकारी के अपहरण, ट्रेन विस्फोट, गांव जलाने की घटना और ग्रामीणों की हत्या करने की घटनाओं को अखबार में पढ़कर नक्सलियों के प्रति एक मानसिकता स्थापित हो जाती है। प्रो. शुक्ला ने इस मानसिकता का जिक्र करते हुए अपने ब्लॉग में आठ तस्वीरें जारी की हैं और इन तस्वीरों के माध्यम से आपरेशन ग्रीन हंट पर सवाल उठाए हैं। प्रो. शुक्ला द्वारा जारी इन आठ तस्वीरों में फोर्स को ग्रामीणों पर बल प्रयोग करते हुए दिखाया गया है। उन्होंने अपने इस ब्लॉग में इन तस्वीरों के बूते मीडिया में आपरेशन ग्रीन हंट व नक्सल विरोधी आपरेशन से संबंधित कई वास्तविकताओं के सामने नहीं आने की भी बात कही है। लिखा है कि ये आठ तस्वीरें वैसी हैं जो 'मीडिया मेट्रिक्स' में कवर नहीं की गईं।
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