चतरा। जिले में सरकार माने नक्सली। उन्हीं की यहां चलती हैं। गांव-जवार की बात तो छोड़ दीजिए, शहर में भी उन्हीं की सरकार चलती है। इसका जीता-जागता उदाहरण है राष्ट्रीय उच्च पथ-99। इस मार्ग का मरम्मत पिछले पंद्रह दिनों से रुका हुआ है। उग्रवादियों ने पथ निर्माण से जुडे़ संवेदक से प्राक्कलन का दस प्रतिशत लेवी मांगा है। पर, नए पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने बताया कि अब तक उन्हें इसकी सूचना नहीं मिली है। वह कहते हैं कि यदि इस प्रकार की बात है तो संवेदक इसकी शिकायत करे। उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार करीब पंद्रह दिन पूर्व उग्रवादियों ने इस कार्य को रुकवाया है। मरम्मती का काम शहर के नया पेट्रोल पंप से लेकर चतरा-जोरी मार्ग तक बाधित है। जबकि शहर का मुख्य पथ राष्ट्रीय उच्च पथ-99 के अंतर्गत आता है।
मालूम हो कि डोभी से चंदवा वाया चतरा पथ को वर्ष 2001 के जनवरी महीने में राष्ट्रीय उच्च पथ में शामिल किया गया। उसके बाद से लेकर अब शहर के मुख्य मार्ग का मरम्मत कार्य नहीं हो पाया। जबकि चंदवा से लेकर चतरा शहर के प्रवेश द्वार और उसके बाद जोरी एवं हंटरगंज पथ का मरम्मत कार्य हो चुका है। शहर के मुख्य पथ का मरम्मत कार्य पिछले बारह वर्षो से नहीं हुआ। लेकिन शुरू हुआ तो नक्सली आतंक..। कहने को यह शहर का मुख्य पथ है। लेकिन इसकी स्थिति गांव की सड़कों से भी बदतर है। जगह-जगह पर बने गड्ढे इसके गवाह हैं। नया पेट्रोल पंप से लेकर संघरी मोड़ तक की सड़क जर्जर अवस्था में है। जिला मुख्यालय में बाईपास का निर्माण नहीं हो पाया है। बाईपास निर्माण के लिए नगर विकास विभाग द्वारा सात करोड़ का आवंटन प्राप्त है। नगर विकास विभाग ने उक्त राशि बाईपास सड़क के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए दिया है। अपर समाहर्ता निर्मल भुइयां ने बताया कि भूमि अधिग्रहण के लिए आवंटित राशि जिला भू-अर्जन कार्यालय में पड़ी हुई है। चूंकि पूर्व में बाईपास टू लेन बनना था। लेकिन हाल के दिनों में सरकार ने बाईपास फोर लेन बनाने का निर्देश दिया है। यही कारण है कि भूमि अधिग्रहण का कार्य लंबित है। इधर राष्ट्रीय उच्च पथ में मुख्य मार्ग को शामिल किए जाने के बाद राज्य पथ निर्माण विभाग मरम्मत के कार्य से अपना हाथ खींच लिया है। पथ प्रमंडल के अधिकारियों का कहना है कि चूंकि यह पथ राष्ट्रीय उच्च पथ में शामिल हो गया है। सो, इसका रख-रखाव एनएच के जिम्मे है। मुख्य मार्ग निवासी सुजीत कुमार जायसवाल का कहना है कि यदि ऐसी ही स्थिति कुछ दिन और रही तो बरसात में पैदल चलना कठिन हो जाएगा। व्यवसायी मो. जावेद अंसारी कहते हैं कि सबसे पहले भारी वाहनों का परिचालन बंद कराया जाए और जर्जर सड़क को ठीक कराई जाए।
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