धमतरी ! धमतरी जिले के गंगरेल डुबान इलाके के गांवों में नक्सली गतिविधियां एक बार फिर तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार नक्सलियों ने क्षेत्र की दो-तीन लड़कियों को भी उठा ले गये,नक्सलियों की गतिविधियों से ग्रामीणों में दहशत है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गंगरेल डुबान अंतर्गत ग्राम उरपुटी बरबांधा कलारबाहरा चनागांव सहित अन्य गांवो के जंगल में पिछले दो माह से 60-70 नक्सली आए दिन आवाजाही कर रहे है। इस संबंध में जानकारी मिलने पर पिछले दिनों अर्जुनी पुलिस ने सर्चिंग की थी। सर्चिंग के बाद से कुछ दिनों तक नक्सली गायब हो गए थे लेकिन फिर से आवाजाही बढ़ गई है। इस क्षेत्र में उड़ीसा व बस्तर के नक्सली घुसपैठ कर स्थानीय लोगों को अपने साथ जोड़ने की कवायद कर रहे है। पता चला है कि नक्सलियों ने इस क्षेत्र की दो-तीन लड़िकियों को भी उठाकर ले गए थे जिसके बाद से इस क्षेत्र में रहने वाले लोग अपनी जवान बेटियों को गांव से बाहर रिश्तेदारों के घर भेज दिए है। डुबान क्षेत्र में नक्सलियों की आवाजाही माड़मसिल्ली बांध से होकर रिसगांव के जंगल तक होती है। लेकिन रिसगांव-सिहावा इलाके में सर्चिंग तेज होने के बाद वे डुबान के जंगल अपने को सुरक्षित मानकर रूक गए है। हालांकि सिहावा अंचल मं नक्सली गतिविधियां कम हुई है।
इधर डुबान क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांवों के जंगलों में बंदूकधारी नक्सली खलकर घूम रहे है। पुलिस को भी जानकारी दी गई लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नही उठाए गए है। समय से पहले इन नक्सलियों का सफाया नही किया गया तो डुबान जैसा शांत क्षेत्र भी अशांति का नासूर बन जाएगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गंगरेल डुबान अंतर्गत ग्राम उरपुटी बरबांधा कलारबाहरा चनागांव सहित अन्य गांवो के जंगल में पिछले दो माह से 60-70 नक्सली आए दिन आवाजाही कर रहे है। इस संबंध में जानकारी मिलने पर पिछले दिनों अर्जुनी पुलिस ने सर्चिंग की थी। सर्चिंग के बाद से कुछ दिनों तक नक्सली गायब हो गए थे लेकिन फिर से आवाजाही बढ़ गई है। इस क्षेत्र में उड़ीसा व बस्तर के नक्सली घुसपैठ कर स्थानीय लोगों को अपने साथ जोड़ने की कवायद कर रहे है। पता चला है कि नक्सलियों ने इस क्षेत्र की दो-तीन लड़िकियों को भी उठाकर ले गए थे जिसके बाद से इस क्षेत्र में रहने वाले लोग अपनी जवान बेटियों को गांव से बाहर रिश्तेदारों के घर भेज दिए है। डुबान क्षेत्र में नक्सलियों की आवाजाही माड़मसिल्ली बांध से होकर रिसगांव के जंगल तक होती है। लेकिन रिसगांव-सिहावा इलाके में सर्चिंग तेज होने के बाद वे डुबान के जंगल अपने को सुरक्षित मानकर रूक गए है। हालांकि सिहावा अंचल मं नक्सली गतिविधियां कम हुई है।
इधर डुबान क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांवों के जंगलों में बंदूकधारी नक्सली खलकर घूम रहे है। पुलिस को भी जानकारी दी गई लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नही उठाए गए है। समय से पहले इन नक्सलियों का सफाया नही किया गया तो डुबान जैसा शांत क्षेत्र भी अशांति का नासूर बन जाएगा।
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