भुवनेश्वर। २६ अप्रैल । दक्षिण ओड़िशा के माओवाद प्रभावित अविभक्त कोरापुट जिला में माओवादियों की सात दिवसीय आर्थिक नाकेबंदी के पहले दिन रास्तों के अवरोधों के कारण यातायात पर प्रतिकूल असर पड़ा। हालांकि पहले दिन कहीं से किसी हिंसा की खबर नहीं मिली है, मगर कई इलाकों में सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने गाड़ियों की आवाजाही को सामयिक तौर पर बंद कर दिया है। गौरतलब है कि इससे पहले माओवादियों द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान ओड़िशा राज्य सड़क परिवहन निगम की तीन बसें जला दी गयीं थीं। प्रशासन ने सुरक्षा के तौर पर फुलवाणी-पारलाखेमुण्डी, मोहना-रायगड़ा-गजपति, जयपुर-मोटू, जयपुर-माछकुण्ड, जयपुर-बईपारीगुड़ा रुट पर सरकारी बसों की आवाजाही को बंद कर दिया है। साथ ही इन इलाकों से होकर गुजरने वाली रेल गाड़ियों में सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम किए गए है। प्रशासन ने आदेश दिया है कि किसी भी सम्भावित स्थिति से निपटने के लिए अर्द्धसैनिक बल और पुलिस बल तैयार रखा जाए।
ऑपरेशन ग्रीनहण्ट के विरोध में माओवादियों के सप्ताहव्यापी बंद के पहले दिन कोरापुट, रायगड़ा और मालकानगिरी जिला के विभिन्न रास्तों पर पेड़ काटकर रास्ता अवरोध किए जाने के चलते यातायात पर असर पड़ा। कई इलाकों में माओवादियों द्वारा पोस्टर लगाए गए है। जयपुर-मालकानगिरी मुख्य राजमार्ग गोविन्दपाली घाटी और झाड़िरीगुड़ा इलाके में बड़े-बड़े पत्थर और पेड़ काटकर रास्तों पर डाले गए है। माओवादियों ने कई जगहों पर सरकारी सम्पत्तिको नुकसान पहुंचाया है। नारायण पाटना ब्लाक के कोड़ापदर में डीपीईपी द्वारा निर्मित स्कूल के दो कमरों में तोड़फोड़ की गयी है एवं निकटस्थ एलआई सरकारी क्वार्टरों पर भी आक्रमण किया गया है। नारायण पाटना से तीन किमी. की दूरी पर राजमार्ग को माओवादियों ने खोद डाला है, जिससे वाहनों का आवागमन प्रभावित हुआ है। सप्ताह भर चलने वाले आर्थिक अवरोध को देखते हुए प्रशासन फूंक फूंककर कदम उठा रहा है।
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