Monday, April 5, 2010

लालगढ़ जाने वाले को सुरक्षा देगी सरकार

कोलकाता । लालगढ़ जाने के इच्छुक नेताओं को सरकार सुरक्षा मुहैया करायेगी। गृह सचिव अद्धेंदू सेन ने सोमवार को राइटर्स बिल्डिंग में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति स्थिर है। जंगल महल व हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में कानून व्यवस्था की स्थिति बहाल रखने पर सरकार गंभीर है।

उल्लेखनीय है कि गृहमंत्री पी चिदंबरम राज्य में कानून व्यवस्था व नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य से संतुष्ट नहीं है। पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय दौरे के बाद उन्होंने कुछ थाना क्षेत्रों में गिरती कानून व्यवस्था व नक्सल प्रभावित लालगढ़ में विकास की रोशनी नहीं पहुंचने पर सरकार व प्रशासनिक मिशनरी पर सवाल खड़े किए। उपेक्षित लोगों का विश्वास जीतने के लिए गृह मंत्री ने राजनीतिक दलों के अन्य नेताओं को लालगढ़ जाने का आह्वान किया। गृह मंत्री के इस विचार से सरकार ने सहमति जतायी है।

सोमवार को राइटर्स बिल्डिंग में गृह सचिव अद्धेंदू सेन ने कहा कि लालगढ़ जाने के इच्छुक राजनीतिक नेताओं की सुरक्षा की व्यवस्था सरकार करेगी। नेताओं को भी अपनी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करके ही वहां जाना चाहिए। गृह सचिव ने कहा कि लालगढ़ व जंगलमहल क्षेत्रों में 80 पुलिस कैंप हैं। एक हजार जवान तैनात हैं। गृह मंत्री ने किसी अधिकारी को दोषी नहीं ठहराया। श्री सेन ने कहा कि गृह मंत्री के बयान पर वह कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। पुलिस से जो तथ्य मिले हैं उसके आधार पर ही वह कानून व्यवस्था की स्थिति बयान करेंगे। पश्चिम मेदिनीपुर के डीएम और एसपी ने भी गृह मंत्री के समक्ष तथ्यों के साथ कानून व्यवस्था व विकास कार्यो का खाका पेश किया।

उल्लेखनीय है कि लालगढ़ का दौरा करने से पहले गृह मंत्री ने राइटर्स बिल्डिंग में मुख्यमंत्री बुद्धदेव भंट्टाचार्य के साथ बैठकर कर राज्य में कानून व्यवस्था की जानकारी ली। श्री भंट्टाचार्य से राज्य की स्थिति पर जो तथ्य मिले और लालगढ़ में जो वास्तविक स्थिति नजर आयी उसके आधार पर ही गृह मंत्री ने अपना असंतोष जाहिर किया। मुख्यमंत्री से उन्होंने स्पष्ट कहा कि गिरती कानून व्यवस्था के लिए किसी दूसरे अधिकारी पर दोष थोप कर अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। लालगढ़ में गृह सचिव अद्धेंदू सेन और डीजी भूपिंदर सिंह के सामने उन्होंने विकास कार्य पर असंतोष जाहिर किया। उन्होंने लालगढ़ के वाशिंदों से बातचीत की और उनकी पीड़ा सुनने के बाद सर्किट हाउस में जिलाधिकारी तथा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों से इस बारे में जवाब तलब किया।

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