Monday, April 12, 2010

शहरी क्षेत्रों में नक्सलियों का दबाव, सतर्कता बढ़ी

रायपुर। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में अब तक के सबसे बड़े नक्सली हमले की घटना के बाद पुलिस ने राज्य के धुर नक्सली क्षेत्रों में दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है, जिससे नक्सली अब शहरों की ओर रुख कर रहे हैं। राज्य में शहरों की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जा रही है।

राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि राज्य के दंतेवाड़ा जिले के ताड़मेटल के जंगल में मंगलवार छह तारीख को नक्सली हमले में 76 जवानों के शहीद होने की घटना के बाद नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में खोज अभियान में तेजी लाई गई है तथा जवानों को नक्सलियों का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह मुस्तैद रहने को कहा गया है।

अधिकारियों ने बताया कि जंगली इलाकों में पुलिस की गतिविधियां बढ़ने और पड़ोसी राज्यों की सीमा में ज्यादा पुलिस बल तैनात किए जाने के बाद पुलिस को सूचना मिली है कि नक्सली अब शहरों की ओर रुख कर रहे हैं तथा नए स्थानों में गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।

उन्होंने बताया कि सूचना है कि राज्य के धमतरी जिले तथा रायपुर जिले के अंतर्गत गरियाबंद और देवभोग इलाके में नक्सलियों की गतिविधियां बढ़ गई है जिससे दोनों जिले की पुलिस को सतर्क कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि दंतेवाड़ा की घटना के बाद राज्य भर में पुलिस को सतर्क कर दिया गया है तथा मैदानी क्षेत्रों में विशेष चौकसी के निर्देश दिए गए हैं।

राज्य के धमतरी जिले के पुलिस अधीक्षक शेख आरिफ हुसैन ने स्वीकार किया कि जिले में नक्सली गतिविधि बढ़ने की सूचना उन्हें मिली है तथा किसी भी स्थिति से निपटने के लिए संबंधित थानों और पुलिस बल के जवानों को तैयार रहने के लिए कहा गया है।

शेख ने बताया कि पिछले साल जिले के सिहावा क्षेत्र में 11 मई को नक्सली हमले में 12 पुलिस कर्मियों समेत 13 लोगों की मृत्यु की घटना के बाद क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है तथा नक्सलियों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है। वहीं क्षेत्र में खोजी अभियान तेज कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि धमतरी जिले के बस्तर क्षेत्र से लगे होने के कारण पुलिस को इस बात का अंदेशा है कि नक्सली अब नए क्षेत्रों में घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में है जिसके चलते इन क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

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