जगदलपुर। नक्सलवादियों ने स्वीकार किया है कि छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के घने जंगलों में गत छह अप्रैल को सीआरपीएफ जवानों पर किए गए हमले में उनके आठ कार्यकर्ता भी मारे गए थे।
प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ने एक विज्ञप्ति में पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीजीएलए) द्वारा अंजाम दिए गए हमले की इस कार्रवाई में अपने आठ कार्यकर्ताओं के मारे जाने की बात स्वीकार की है। मारे गए कार्यकर्ताओं के नाम सेक्शन कमांडर रुकमति और वागाल, सेक्शन उप कमांडर विज्जाल और इंगाल, सदस्य राजू, मंगू, रामाल और रतन हैं।
विज्ञप्ति के अनुसार बस्तर में अंग्रेज शासकों के खिलाफ किए गए आंदोलन भूमकाल की शताब्दी के मौके पर नक्सलवादियों ने सुरक्षाबल पर यह हमला आपरेशन ग्रीन हंट के नाम पर की जा रही पुलिस ज्यादतियों का जवाब देने के इरादे से किया था। इस कार्रवाई में उनके 300 लड़ाकों ने भाग लिया था।
वैसे ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि इस कार्रवाई में करीब एक हजार नक्सली शामिल थे।
दंडाकरण्य विशेष जोनल कमेटी के सदस्य रामन्ना, सचिव कोसा और प्रवक्ता गुड्सा उसेण्डी के हस्ताक्षर युक्त विज्ञप्ति में दावा किया गया है कि पूरे बस्तर ''वनांचल को बहुराष्ट्रीय कंपनियों और बड़े पूंजीपतियों की जागीर बनाने'' के इरादे से संप्रग सरकार ने दोबारा सत्ता में आने के बाद क्रांतिकारियों के सफाए के लिए अभियान चलाया है। उनका दावा है कि इस अभियान के नाम पर पुलिस आदिवासियों पर लगातार अत्याचार कर रही है।
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