जगदलपुर। हर किसी की जुबान पर बस यही सवाल था कि कब हमें इस आतंक से मुक्ति मिलेगी? आंखें इसी सोच में डूबी थीं कि कब लौटेगा अमन और चैन? अपने बेटे, भाई और पिता को गंवा चुके लोगों के विलाप ने हर दिशा का सिर झुका हुआ था। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बुधवार की सुबह कुछ ऐसी ही थी।
मंगलवार को नक्सली हमले में शहीद हुए 76 सुरक्षाकर्मियों की शहादत को आखिरी सलाम देने के लिए गृहमंत्री पी. चिदंबरम भी पहुंचे थे। आखिरी सलामी देने का बिगुल बजते ही माहौल और गमगीन हो उठा। 64 वर्षीय चिदंबरम शोक संतृप्त माहौल में बेहद शांतिपूर्ण ढंग से तिरंगे में लिपटे सीआरपीएफ जवानों के ताबूतों के पास पहुंचे। शहीद जवानों को श्रद्धांजलि स्वरूप पुष्पचक्र अर्पित करते ही जवानों को आखिरी सलाम की मातमी धुन 'लास्ट पोस्ट' बजायी गयी। उसके बाद अर्द्धसैनिक बल की एक टुकड़ी ने शहीद जवानों के सम्मान में अपने हथियार उलटे करके उन्हें अपनी सलामी दी। उसके बाद, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल शेखर दत्त और मुख्यमंत्री रमन सिंह के साथ-साथ सीआरपीएफ तथा राज्य पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने जवानों को श्रद्धांजलि दी। बाद में, चिदंबरम ने शहीद जवानों के कुछ परिजनों से भी बात की। उन्होंने जवानों के परिजनों से संवदेना व्यक्त करते हुए उन्हें ढांढस बंधाया।
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