Tuesday, April 6, 2010

नक्सली कमांडर कटकम सुदर्शन ने दहलाया दंतेवाड़ा!

दंतेवाड़ा/ नई दिल्ली. दंतेवाड़ा में हमले का मास्टरमाइंड आंध्रप्रदेश का नक्सल कमांडर कटकम सुदर्शन है। केंद्र सरकार को मिली प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक कटकम पिछले हफ्ते आंध्रप्रदेश की सीमा पार कर छत्तीसगढ़ के सुकमा और कोंटा इलाके में सक्रिय था। सूत्रों ने बताया कि घटना स्थल से मिले कुछ फटे हुए कागजात से यह पता चलता है कि इस वारदात को सुदर्शन ने अंजाम दिया था।पिछले 30 वर्षो से नक्सली गतिविधियों में संलिप्त ५५ वर्षीय सुदर्शन सीपीआई माओवादी के सेंट्रल कमेटी का सदस्य बताया जाता है। सूत्रों ने बताया कि उत्तरी तेलंगाना क्षेत्र में सुरक्षाकर्मी उसकी सघनता से तलाश कर रहे हैं।
नटवरलाल है कटकम -सूत्र बताते हैं कि कटकम कभी शिक्षक तो कभी आम नागरिक की शक्ल में स्थानीय आदिवासियों के बीच घुलमिलकर रहता है। वह बेहद शातिर दिमाग वाला है। वह कहीं बीरेंद्र तो कहीं मोहन, कहीं सुदर्शन तो कहीं केएस के नाम से नटवरलाल की तर्ज पर वेशभूषा बदलकर रहता है। कटकम न केवल मिल्रिटी-कमीशंड है बल्कि सीपीआई माओवादी की सबसे खतरनाक संस्था पीपुल्स गुरिल्ला आर्मी का महत्वपूर्ण सदस्य है।
हजार नक्सलियों ने सुरक्षाकर्मियों को घेरकर मारा-छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में मंगलवार को करीब एक हजार नक्सलियों ने सुरक्षा बल केजवानों को घेर कर हमला बोल दिया। इस हमले में 76 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। इसे अब तक का सबसे बड़ा नक्सली हमला बताया जा रहा है। महज 24 घंटे पहले गृहमंत्री पी। चिदंबरम ने नक्सलियों को दो-तीन साल में खत्म करने का ऐलान किया था।यह हमला दंतेवाड़ा जिले के चिंतलनार कैंप से बमुश्किल तीन किलोमीटर दूर सीआरपीएफ व राज्य पुलिस की संयुक्त सर्च पार्टी पर हुआ। मुठभेड़ में पुलिस का एक हवलदार भी शहीद हुआ। हमले के बाद चिदंबरम ने कहा, ‘सॉरी, कहीं न कहीं चूक हुई है।’

पुलिस प्रवक्ता आरके विज ने बताया कि तीन दिन पहले कैंप से 81 जवानों की पार्टी सर्च के लिए निकली थी। उसकी वापसी के समय मुरकम और ताड़मेटला के बीच घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने जबरदस्त हमला किया। सीआरपीएफ के अनुसार नक्सलियों ने जवानों को ऐसी जगह घेरा, जहां कच्ची सड़क पर जगह-जगह बारूदी सुरंगें लगी हुई थीं। हमले के समय सीआरपीएफ के जवान पैदल ही आ रहे थे। एके 47, एलएमजी से लैस नक्सलियों का पहला वार ही सबसे घातक रहा। इसमें 21 से ज्यादा जवान या तो शहीद हो गए अथवा बुरी तरह से घायल हो गए। नक्सलियों ने आसपास के पूरे इलाकेमें आड़ लेकर मोर्चे बना रखे थे। कुछ जवानों ने माइन प्रोटेक्शन व्हीकल (एमपीवी) की आड़ लेने की कोशिश की, तो नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर उसे उड़ा दिया। कई जवान इसकी चपेट में आकर घायल हो गए। नक्सलियों से मुठभेड़ सुबह 11 बजे तक चली। शहीदों में टीम का नेतृत्व कर रहे सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट सत्यवान, असिस्टेंट कमांडेंट बीसी मीणा तथा चिंतलनार पुलिस चौकी में पदस्थ एक हवलदार भी शामिल हैं। सीआरपीएफ जवानों के हथियार नक्सली लूटकर ले गए हैं। नक्सलियों की तलाश में पूरे इलाके में सघन अभियान छेड़ा गया । घायलों व शवों को हेलिकॉप्टरों से जगदलपुर लाया गया। केंद्रीय गृहसचिव जीके पिल्लई ने कहा कि फिलहाल नक्सलियों के खिलाफ हवाई कार्रवाई का निर्णय नहीं किया गया है।

नक्सलियों के शव नहीं मिले -घटनास्थल पर पहुंची पुलिस पार्टियों ने आसपास के पूरे इलाके में तलाशी ली। लेकिन किसी भी नक्सली का शव नहीं मिला।

पड़ोसी राज्यों में भी अलर्ट -चिंतलनार में नक्सली हमले के बाद गृह विभाग ने पूरे छत्तीसगढ़ में रेड अलर्ट जारी कर दिया है। जिला मुख्यालयों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र में भी अलर्ट जारी कर सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है। आंध्रप्रदेश की एंटी नक्सल फोर्स ग्रे हाउंड्स भी सीमा पर पहुंच गई है।

नक्सलियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संकल्प-प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में उनके निवास पर हुई राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक में नक्सलियों से निपटने के लिए सख्त कार्रवाई करने का संकल्प जताया गया। बैठक में गृह मंत्री पी. चिदंबरम, रक्षा मंत्री एके एंटनी, वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन, गृह सचिव जीके पिल्लई, तीनों सेनाओं के प्रमुख और रॉ के प्रमुख ने हिस्सा लिया।
दैनिक भास्कर, दिल्ली, अप्रैल, 2010

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