Monday, April 12, 2010

रमन ने दंतेवाड़ा से किया ग्राम सुराज अभियान का आगाज



रायपुर. 12 अप्रैल. सुरक्षा एजेंसियों के तमाम चेतावनियों के बाद भी मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने आज घुर नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा के दोरनापाल से ग्राम सुराज अभियान की शुरूआत कर यह जता दिया कि देश की सबसे बड़ी वारदात न तो उनका न तो सरकार का मनोबल तोड़ पाई है। दंतेवाडा हमले के बाद दो चरणों के ग्राम सुराज अभियान में सुरक्षा प्रबंधों खासकर मुख्यमंत्री की सुरक्षा को लेकर सुरक्षा एजेंसियां काफी चिंतित रही है और मुख्यमंत्री से यथासंभव बस्तर के नक्सली क्षेत्रों के दौरे से बचने की सलाह देने की भी खबरें सामने आयी है पर मुख्यमंत्री ने इस सलाहों को नजरअंदाज कर आज अचानक घुर नक्सली जिले में घुर नक्सल प्रभावित गांव दोरनापाल पहुंचकर आतंक के साये में जी रहे लोगो में विश्वास जगाने की कोशिश की। राजधानी से मुख्यमंत्री डा.सिंह सुबह जब रवाना हुए थे तब आला अफसरों के उनके राजनांदगांव में कहीं पहुंचने की जानकारी थी लेकिन उन्होंने हेलीकाप्टर में बैठने के बाद पायलट को सीधे दंतेवाड़ा चलने को कहा। दोरनापाल शिविर के पास जब उनका हेलीकाप्टर उतरा तो वहां पर मौजूद सुरक्षा बलों को पहले लगा कि कोई आला अधिकारी पहुंचा है पर मुख्यमंत्री को देख सभी सकते में आ गए। मुख्यमंत्री डा.सिंह ने शिविर में निवासरत लोगो के हालचाल जानने के बाद सुरक्षाकमयों से भी बात की और उनकी हौसला आफजाई की। उन्होने कहा कि देश द्रोही नक्सलियों के खिलाफ वह बहादुरी से मोर्चा लेते रहे सरकार उनके साथ खड़ी है। मुख्य सचिव पी.जाय उम्मेन तथा प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एन. बैजेन्द्र कुमार ने भी सुरक्षा कमयों से बात की और उनका मनोबल बढ़ाया। मुख्यमंत्री के पहुंचने पर आश्चर्यचकित ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि राशन बिजली और पानी की व्यवस्था ठीक है। मुख्यमंत्री ने राहत शिविर में सार्वजनिक वितरण प्रणली के तहत आवश्यक वस्तुओं की वितरण व्यवस्था और बिजली तथा पानी की व्यवस्था के बारे में भी ग्रामीणों से जानकारी ली। स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि भी इस दौरान वहां पहुंच गए। मुख्यमंत्री ने उनसे भी बात की। उन्होने विशेष पुलिस अधिकारियों से भी उनकी समस्याओं की जानकारी ली। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने दो चरणों के अभियान की शुरूआत ही घुर नक्सल इलाके से नही की है बल्कि इस दौरान वह अभी कई बार नक्सल इलाकों में आकस्मिक रूप से पहुंचेंगे। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री को प्रभावित क्षेत्रों में अगर कहीं सरकारी अमले की लापरवाही दिखी तो निचले कर्मचारियों पर नहीं बल्कि जिलों तथा मंत्रालय तक में बैठे आला अफसरों पर गाज गिरेगी।

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