इलाहाबाद. 12 अप्रैल. भारतीय  वायुसेना के प्रमुख प्रदीप वसंत नाईक ने आज कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा  के लिये लगातार खतरा बनते जा रहे नक्सलियों से निपटने में वायुसेना पूरी  तरह से तैयार है लेकिन इस मामले में कोई भी निर्णय केन्द्र सरकार को लेना  है। श्री नाईक ने यहां संवाददाताओं से कहा कि पहले केन्द्र सरकार फैसला करे  कि नक्सलियों के खिलाफ क्या करना चाहती है। देश की वायुसेना इससे निपटने  के लिये पूरी तरह से तैयार है। हालांकि सरकार ने नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन  के बारे में कुछ भी नहीं कहा है। उन्होंने कहा कि नक्सलियों से निपटने के  लिये एक स्पस्ट रणनीति होनी चाहिये ताकि कम से कम नुकसान हो। नक्सल इसी देश  के नागरिक हैं कोई विदेशी आतंकवादी नहीं। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि वैसा  उनका निजी रूप से मानना है कि नक्सलियों या माओवादियों के खिलाफ अभियान में  सेना की मदद नहीं ली जानी चाहिये। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि यदि  नक्सलियों के खिलाफ अभियान में वायु सेना की मदद ली जाती है तो हमले के  लिये स्थान को चिन्हित करना होगा। उनके खिलाफ ऐसे ही 250 किलोग्राम का बम  नहीं गिराया जा सकता जो आठ सौ वर्गमीटर में अपना प्रभाव दिखाता है। इस  दायरे में कई ऐसे लोग भी इसकी चपेट में आ सकते हैं जो नक्सली नहीं हैं।  उन्होंने कहा कि वायुसेना ने छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा के बारे में राज्य सरकार  को कोई भी रिपोर्ट नहीं दी थी। वायुसेना ने करीब तीन वर्ष पहले नक्सल  प्रभावित इलाके में सर्वेक्षण किया था। सर्वेक्षण के साथ भेजी गयी रिपोर्ट  के आधार पर तुरन्त की गयी कार्रवाई से ही फायदा उठाया जा सकता है। उन्होंने  कहा कि आदिवासी बाहुल नक्सल प्रभावित राज्यों में जानकारी के लिये दो वर्ष  पहले मानव रहित विमान उपलब्ध कराये गये थे।
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