जगदलपुर। ताड़मेटला के घने जंगलों में चली पुलिस नक्सली मुठभेड़ में लगभग हजार की संख्या में हथियार से लैस नक्सलियों ने सुनियोजित ढंग से जाल बिछाकर जवानों को घेरा।
जवाब में जवानों ने संख्या में लगभग सात गुना नक्सलियों को जवाब देते ७५ जवानों ने शहादत दी। नक्सलियों के बीच घिरे ८२ जवानों में से सात जवानों की जान नक्सलियों के उन जूतों से बच गई, जिससे टटोलने के बाद उन्हें महसूस हुआ कि जवानों में अब जान नहीं है। इसके बाद नक्सलियों ने उन्हें वहीं छोड़ दिया और जंगल के रास्ते निकल पड़े। इन्हीं जवानों में से एक प्रमोद कुमार ने अपने अधिकारी को बताया कि नक्सलियों के तादाद का उन्हें अनुमान नहीं था। उनके पास जितनी कारतूस और हथियार थे। वे एक हजार लोगों के लिए कापᆬी नहीं था। पᆬोर्स को अनुमान था कि नक्सली जंगलों में है लेकिन उनकी संख्या इतनी अधिक होगी, इसका इल्म नहीं था।
इस घटना के विवरण में जो खास बात सामने आई वह यह थी कि नक्सली भी पूरी तरह हथियारों से लैस थे और तादाद में अधिक होने से किसी भी समय बैकपᆬुट पर जाते नहीं दिखे। दोनो तरपᆬ से पᆬायरिंग हो रही थी। इससे दोनों ओर लोग मारे जा रहे थे लेकिन नक्सली घेरा बनाते आगे ही बढ़ रहे थे। नक्सलियों के शव को उनकी एक पार्टी खाट पर उठा कर ले जा रही थी। कुछ जवानों ने बताया कि नक्सली भी भारी संख्या में मारे गए हैं। लेकिन उनके पास इतना समय था कि वे अपने साथियों को उठा कर ले जा सकें।
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