Sunday, January 3, 2010

नक्सली सर्मथको का हुआ विरोध

कांकेर। वनवासी चेतना आश्रम दंतेवाड़ा के संचालक द्वारा 14 दिसंबर को दंतेवाड़ा में निकलने वाली पदयात्रा में शरीक होने के लिए दिल्ली एवं अन्य शहरो से कई लोग दंतेवाड़ा की ओर से 14 दिसंबर को दोपहर को 2 बजें वापिस आ रहे थे। दंतेवाड़ा के स्वाभिमान मंच की ?ाबर पर उनके कांकेर के कार्यकर्ताओ ने नए बस स्टैंड में बस में सवार लोगो को नक्सली सर्मथक बताते हुए विरोध किया। इस विरोध से बस में सवार लोग इतने दहशत में थे कि मीडियाकर्मियो से भी बात करने को तैयार नही हुए और बस की ?ािड़कियो को बंद कर दिया। पायल की बस के ड्राईवर के अनुसार बस में सवार लगभग 40 लोग कोंडागांव से चढ़े। ये लोग दंतेवाड़ा में होने वाली रैली में शरीक होने जा रहे थे परंतु लेट हो जाने के कारण नही गए और वापिस रायपुर हो रहे थे। कांकेर के नए बस स्टैंड में पायल की बस लगभग 2 बजें पहुंची तब युवा अपने हाथ में विभिन्न नारे लि?ाी हुई पट्टी लेकर नक्सली सर्मथको के विरोध करते हुए नारे लगा रहे थे। इन युवाओ ने बताया कि कोंडागांव एवं दंतेवाड़ा से हमारे मंच के द्वारा जानकारी दिया गया इसलिए इस बस में बैठे नक्सली सर्मथको का हमने शांति ढंग से विरोध किया। विदित हो कि वनवासी चेतना आश्रम के संचालक द्वारा आज 14 दिसंबर को बीजापुर जिले के नेंद्रा से लिंगागिरि तक निकाले जाने वाले पदयात्रा में शरीक होने के लिए दिल्ली एवं अन्य शहरो के लोग जा रहे थे परंतु वे वहां स?मिलित नही हो पाए। इनके स?मिलित नही हो पाने का कारण मीडिया ने जानना चाहा परंतु वे बात करने को तैयार नही हुए और वे इतने दहशत में थे कि अपने शुभचिंतको को फोन से बताया कि कांकेर में गुड़ो ने घेर लिया है और बस को पंचर कर दिया है। बस नए बस स्टैंड से निकलकर जब पुराने बस स्टैंड में पहुंची तभी पंचर स्वमेव हो गई जिसकी पुष्टि बस के ड्राईवर ने किया। बस में बैठे लोगो से मीडियाकर्मियो ने उनकी समस्या को जानने का प्रयास किया परंतु वे इतने डरे हुए थे कि बात भी करने से डर रहे थे, ऐसा लग रहा था कि वे मीडियाकर्मियो को भी नही समा पाए। बस में बैठे लोग जो इतने डरे एवं सहमें हुए थे उनके डरे एवं सहमे हुए का कारण अंत तक नही पता चल सका।

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