Sunday, January 24, 2010

नक्सलियों ने टावर उड़ाया


नारायणपुर। 24 जनवरी। नक्सलियों ने कल शनिवार की रात जिला मुख्यालय नारायणपुर में बीएसएनएल के टावर व कंट्रोल रूम को बारूदी विस्फोट से उड़ा दिया। इससे भवन के परखच्चे उड़ गए। इस वारदात से बीएसएनएल को लगभग 60 लाख रूपए का नुकसान हुआ है। साथ ही जिले की संचार व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई।
नक्सलियों ने इसी दरम्यान नारायणपुर-कोण्डागांव मार्ग को भी अवरूध्द करने की कोशिश की। साथ ही जिला मुख्यालय व अन्य जगहों पर 72 घंटे के बंद का ऐलान करते हुए पर्चे फेंके हैं। जिला मुख्यालय में हुए इस दुस्साहसिक हमले से क्षेत्र में दहशत व्याप्त है। प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार की रात साढ़े 9 बजे बड़ी संख्या में पहुंचे सशस्त्र नक्सलियों ने नारायणपुर के बखरूपारा को घेर लिया। स्थानीय रहवासियों ने इन वर्दीधारियों की उपस्थिति को पुलिस की रूटीन सर्चिंग की कवायद समझा। इसके पहले कि लोग कुछ समझ पाते नक्सलियों ने बीएसएनएल के कंट्रोल रूम का दरवाजा तोड़ दिया। इसके बाद रूम में तोड़फोड़ कर चारों ओर बम लगाकर विस्फोट कर दिया। घटना स्थल से महज 6-7 सौ मीटर की दूरी पर थाना स्थित होने के बावजूद नक्सली आराम से इस वारदात को अंजाम देकर चले गए। जाते-जाते नक्सलियों ने वारदात स्थल पर बड़ी संख्या में पर्चे भी छोड़ दिए। इन पर्चों में आपरेशन त्रिशूल के विरोध में 25 से 27 जनवरी तक 72 घंटे के बंद का आह्वान किया है। घटना स्थल से कुछ ही दूरी पर खड़ी एक बस पर भी नक्सलियों ने पर्चे चिपका दिए थे। यह बस नारायणपुर से दुर्ग तक चलती है।
इस वारदात के बाद आज नगर में ओरछा मार्ग पर भरने वाले साप्ताहिक बाजार पर दहशत साफ दिखी। कल से मार्ग बंद होने की आशंका से सब्जी व्यवसायी भी दोपहर में ही अपने घर लौट गए। इस बीच नक्सलियों ने आज नारायणपुर-कोण्डागांव मार्ग पर स्थित ग्राम भाटपाल में भी सड़क पर पत्थर व पर्चे रखकर यातायात अवरूध्द करने की कोशिश की। इन पर्चों में नक्सलियों ने 25 से 27 तारीख तक बंद के दौरान किसी भी प्रकार का वाहन नहीं चलाने की ताकीद की थी। सिर्फ एम्बुलेंस को ही आने-जाने की छूट होने का जिक्र इन पर्चों में किया गया था।

(नवभारत, 25 जनवरी, 2010)

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