Saturday, January 23, 2010

इन चित्रों का दर्द झाँकिये तो भला


ये सारे आदिवासी केटरेम (किरंदुल) गाँव के हैं जो केटरेम में हुए मुठभेड़ के बाद अपने परिजनों की जानकारी लेने थाना पहुँची हुई हैं । बच्चों के साथ । क्या आप महसूस सकते हैं इन बच्चों के भविष्य के बारे में ? इनके मन में पसरे भय और आतंक के बारे में ?

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