पश्चिम बंगाल के लालगढ़ में राज्य सरकार तथा सुरक्षा बलों द्वारा गत वर्ष से नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे आपरेशन के कारण नक्सली आम लोगों से अलग-थलग हो गए हैं। बताया गया कि केन्द्रीय सुरक्षा बल की आक्रामक कार्रवाई के कारण नक्सली ग्रामीणों से अलग-थलग पड़ गए हैं। राज्य सरकार एवं केन्द्रीय सुरक्षा बल की कार्रवाई के फलस्वरूप नक्सलियों ने रेल मंत्री से मध्यस्थता कर सरकार से वार्ता कराने की पहल का आग्रह किया है। नक्सलियों के कमांडर कोटेश्वर राव उर्फ किशन जी एवं विकेश जी ने इस तरह के संकेत दिए हैं। दो दिन पूर्व नक्सलियों ने स्थानीय लोगों से केन्द्रीय पुलिस बल की कार्रवाई का समर्थन नहीं करने का आग्रह किया है। इधर बिहार झारखंड की सीमा पर स्थित जंगल से भी नक्सलियों ने सरकार से वार्ता की पेशकश की है। इधर झारखंड में आपरेशन हंट प्रारंभ कर दिया गया है।पता चला है कि पश्चिम बंगाल सरकार एवं केन्द्रीय पुलिस बल झारखंड सरकार एवं वहां तैनात सुरक्षा बल से समन्वय बना हुए हैं। पता चला है कि नक्सलियों ने अपनी रणनीति के क्षेत्रों में सूचना नेटवर्क स्थापित कर वहां अपने लोगों को तैनात कर रखा है। नक्सली नेता कुटेश्वर राव ने कहा है नक्सलियों को आम लोगों से अलग-थलग करने के प्रयास का कोई प्रतिफल सरकार को नहीं मिलेगा। नक्सलियों ने पश्चिम बंगाल के समाचार पत्रों में एक पत्र प्रकाशित कर कहा है कि हाल ही में प्रशासन उनके खिलाफ स्थानीय लोगों को गोलबंद कर रहा है। सुरक्षा बल कई गांवों में किसानों को हथियार चलाना सिखा रहे हैं।
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